जानिए आखिर किस तरह से फिल्मों को घोषित किया जाता है टैक्स फ्री

जानिए आखिर किस तरह से फिल्मों

Update: 2023-06-09 11:23 GMT
फिल्म 'द केरल स्टोरी', 'छपाक', 'तान्हाजी: द अनसंग हीरो' आदि कई फिल्मों को भारत के अलग-अलग राज्यों में टैक्स फ्री किया जा चुका है। राज्य किसी फिल्म को टैक्स फ्री करने के लिए अपने हिसाब से फैसला करते हैं। किसी फिल्म को टैक्स फ्री करने का क्या मतलब होता है और इससे मूवी टिकट कितना सस्ता हो जाता है चलिए हम आपको बताते हैं।
टैक्स फ्री होने का क्या मतलब होता है?
फिल्म पर लगने वाले टैक्स को दो हिस्सों में बांटा जाता है। एक हिस्सा राज्य सरकार का (स्टेट जीएसटी) और दूसरा हिस्सा केंद्र सरकार का(सेंट्रल जीएसटी) होता है। अगर कोई फिल्म भारत के किसी राज्य में टैक्स फ्री घोषित की जाती है, तो इसका मतलब होता है कि उस राज्य ने फिल्म के टिकट पर से एंटरटेनमेंट टैक्स माफ कर दिया है जबकि सेंट्रल जीएसटी उस फिल्म पर लगा रहता है। ऐसे में टिकट की कीमत के आधार पर छूट 6% से 9% तक हो सकती है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग एंटरटेनमेंट टैक्स लगता है। टैक्स फ्री करने से फिल्म को आप मुफ्त में नहीं देख सकते हैं, बल्कि इससे टिकट की कीमत कम हो जाती है। कम टिकट की कीमतें लोगों को मूवी हॉल में आने के लिए प्रोत्साहित करती हैं और कई सारे दर्शकों को आकर्षित भी करती हैं।
इसे जरूर पढ़ें: आपको भी देखनी चाहिए मेंटल हेल्थ से जुड़े मुद्दों पर बनी ये बॉलीवुड फिल्में
किन फिल्मों को मिलती है टैक्स से छूट?
फिल्मों को टैक्स से छूट उनके कॉन्सेप्ट के आधार पर दी जाती है। ज्यादातर फिल्में जो मोटिवेशनल होती हैं, नेशनल हीरोज के ऊपर बनी हुई होती हैं या फिर सांप्रदायिक सौहार्द्र यानी कम्युनल हार्मनी को प्रमोट करने वाली फिल्में, जो अच्छा मैसेज देती हों इन फिल्मों को टैक्स फ्री किया जाता है।
कोई भी राज्य जब फिल्म को टैक्स फ्री करती है तो टिकटों के दाम कम हो जाते हैं और फिल्म को कम आय वाले लोग भी देख पाते हैं इसलिए फिल्मों को टैक्स फ्री किया जाता है। आपको बता दें कि राज्य सरकार अपने हिस्से का जीएसटी माफ भी कर देती है पर फिल्म देखने वालों को केंद्र सरकार के हिस्से का जीएसटी चुकाना पड़ता है।
इसे भी पढ़ें: असल जिंदगी और सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं बॉलीवुड की ये फिल्में, आप भी जानें
राज्य किसी फिल्म को टैक्स फ्री करके राज्य तो अपने हिस्से का टैक्स नहीं लेती, उसके बाद भी कई थिएटर ओनर एडमिशन फीस बढ़ा देते हैं। ऐसे में जो टिकट जितना सस्ता मिलना चाहिए, उतना सस्ता नहीं मिल पाता है, पर किसी फिल्म को टैक्स फ्री करने से फिल्म निर्माताओं को भी राहत मिलती है क्योंकि राज्य सरकार के इस कदम को फिल्म के सपोर्ट में भी माना जाता है।
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके बताएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Tags:    

Similar News

-->