Janmashtami.जन्माष्टमी: भगवान कृष्ण को जन्माष्टमी पर 56 भोग चढ़ाया जाता है। पर आखिरकार इनमें कौन-कौन सी चीजें होती हैं। आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से। Janmashtami 2024: भगवान कृष्ण का जन्मदिन आने वाला है। इस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान कृष्ण को तरह-तरह के पकवान चढ़ाए जाते हैं। इन्हीं में से एक 56 भोग। यानी एक ऐसी थाली जिसमें 56 प्रकार के भोग हों। लेकिन इसमें क्या-क्या आता है। कौन से 4 प्रकार के रस से जुड़ी चीजों को इसमें शामिल किया जाता है। आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से। छप्पन भोग का क्या अर्थ है? छप्पन भोग के पीछे कहानी ये है कि माता यशोदा अपने लला कान्हा को 7 दिन 8 प्रहर अलग-अलग पकवान खिलाया करती थीं। तो कुल मिलाकर 56 भोग हुए इसलिए उन्हें छप्पन भोग चढ़ाया जाने लगा। कृष्ण के लिए छप्पन भोग 56 प्रसाद वस्तुओं का मिश्रण है जो उन्हें जन्माष्टमी पर चढ़ाया जाता है। यह भोग भगवान के प्रति और प्रेम से बनाया गया है और इसमें 56 व्यंजन हैं जिनमें भगवान कृष्ण के सभी पसंदीदा व्यंजन शामिल हैं। यह भोग शुद्ध और दूध उत्पादों से शुरू होता है जो भगवान कृष्ण के बचपन से जुड़ा होता है। यह छप्पन भोग सिर्फ भोजन और स्वाद के बारे में नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिकता और भक्ति का संपूर्ण अनुभव है जो हमें भगवान से जोड़ता है। 56 भोग में क्या क्या आइटम होते हैं- भावनाओं
मिठाई: खीर, रबड़ी, रसगुल्ला, मूंग दाल हलवा, जीरा लड्डू, जलेबी, मोहनभोग, घेवर, पेड़ा
-फल: आम, केला, अंगूर, आलूबुखारा, सेब
-पेय: बादाम का दूध, नारियल पानी, लस्सी, चाचा
-स्वादिष्ट व्यंजन: साग, कढ़ी, पकौड़े, चावल, दही, पापड़, चीला, खिचड़ी, बैंगन की सब्जी, टिक्की, पूरी, दूध की सब्जी, मीठे चावल,भुजिया, पापड़, खिचड़ी,
-सूखे मेवे: बादाम, काजू, इलायची, पिस्ता
-अचार और नमकीन: शक्कर पारा, चटनी, मुरब्बा, सौंफ, पान, सुपारी
-डेयरी उत्पाद: घी, सफेद मक्खन और मिश्री, लौंगपुरी, खुरमा, खजला, घेवर, मालपुआ, चोला, जलेबी, मेसू, रसगुल्ला तो इन पर कान्हा के लिए ये 56 भोग बनाएं और फिर इसे खाएं। इस प्रकार से ये तमाम पकवान बनाकर लोग भगवान कृष्ण को प्रसाद चढ़ाते हैं।