जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महिलाओं के घुटनों में दर्द पुरुषों की तुलना में अधिक रहता है। इसकी एक वजह महिला और पुरुष की शारीरिक संरचना में अंतर है। दरअसल महिलाओं के जॉइंट्स की मूवमेंट्स अधिक होने के साथ ही उनके लिगामेंट्स भी अधिक लचीले होते हैं। चूंकि महिलाओं के घुटनों की मूवमेंट अधिक रहती है, इसके कारण दर्द की संभावना बढ़ जाती है।
घुटनों में चोट लगने पर उसका सही और तुरंत इलाज न कराने पर भविष्य में दर्द का खतरा बढ़ सकता है।
जब आप जरूरत से ज्यादा व्यायाम या दौड़ लगाते हैं तो नी कैप और टेंडन पर दबाव पड़ता है और जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है। आवश्यकता से अधिक व्यायाम सेहत के लिए नुकसानदायक है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं के जोड़ों में दर्द की एक वजह वजन और मोटापा है। पुरुषों की अपेक्षा अधिकतर महिलाएं मोटापे की समस्या का शिकार होती हैं। अधिक वजन के कारण घुटनों पर दबाव पड़ता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, वजन जितना अधिक होगा, उसका पांच गुना अधिक दबाव घुटनों पर पड़ेगा।
अक्सर हल्का दर्द होने पर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जो घुटनों में अधिक दर्द का संभावना को बढ़ा देता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस रिसर्च सोसायटी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, व्यक्ति को एक साल से अधिक समय से अगर घुटनों में दर्द हो रहा है तो इसकी वजह ऑस्टियोअर्थराइटिस हो सकती है।
जरूरत से ज्यादा व्यायाम से भी जोड़ों में दर्द होने लगता है। कई बार अधिक उत्साही होने से जैसे तेजी से उठना, बैठना या चलना दर्द का कारण बनते हैं।
जुंबा, फंक्शनल वर्कआउट, सूर्य नमस्कार, पद्मासन का अधिक अभ्यास दर्द को बढ़ा सकता है। इसलिए विशेषज्ञ की सलाह के मुताबिक ही व्यायाम करें।
अगर घुटनों में सूजन है, या दर्द हो रहा है तो इसे नजरअंदाज न करें, बल्कि तुरंत चिकित्सीय सलाह लें। घुटनों की समस्या को अनदेखा करने से भविष्य में परेशानी अधिक बढ़ जाती है।