सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है खांड, जानें कैसे करें इस्तेमाल
बहुत ही कम लोग ऐसे हैं, जिन्हें भले ही चाय या कॉफी में चीनी न होने से फर्क नहीं पड़ता पर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | बहुत ही कम लोग ऐसे हैं, जिन्हें भले ही चाय या कॉफी में चीनी न होने से फर्क नहीं पड़ता पर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि चीनी की मिठास के बिना खाने-पीने की कई चीज़ें बेस्वाद लगती हैं। लेकिन चीनी की जगह आप देसी खांड का इस्तेमाल करके बेस्वाद लगने वाली चीज़ों को ज्यादा सेहतमंद और स्वादिष्ट बना सकती हैं। अब आप सोच रहे होंगे क्या है यह देसी खांड, सेहत के लिहाज से कितना फायदेमंद है इन सब बातों को जानेंगे इस लेख के जरिए।
खांड है हेल्दी विकल्प
बात दें कि देसी खांड भी गन्ने के रस से ही बनती है, जिससे चीनी बनती है। लेकिन चीनी ज्यादा रिफाइन की जाती है जिससे उसके अंदर मौजूद फाइबर और पोषण खत्म हो जाते हैं। खांड गन्ने के रस का कम रिफाइंड रूप है। गन्ने के रस से सबसे पहले खांड तैयार किया जाता है, जो कम रिफाइन होने के साथ पोषक तत्वों से भरा होता है। खांड को बनाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जो इसे चीनी से बेहतर विकल्प बनाता है। यह शरीर को ठंडक प्रदान करने का काम करती है। साथ ही खांड में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो इसे सेहत का भंडार बनाते हैं।
ऐसे तैयार होता है खांड
पुराने समय में लोग खांड का ही उपयोग करते थे, लेकिन चीनी आ जाने के बाद से लोगों ने इसका इस्तेमाल बंद कर दिया है। गन्ने के रस को गर्म करके लगभग 3 दिनों तक लगातार हिलाया जाता है। उसके बाद इसे तेज रफ्तार में घूमने वाली मशीन में घुमाया जाता है। इसके बाद इसे पानी और दूध से साफ किया जाता है। इस तरह खांड भूरे रंग के पाउडर के रूप में तैयार हो जाता है।
ऐसे करें खांड का यूज
खांड को चीनी की जगह पर आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। खांड में चीनी के मुकाबले मिठास कम होती है, इसलिए जो लोग ज्यादा मिठास पसंद करते हैं, वह चीनी की जगह खांड का उपयोग डेढ़ गुना कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आप चाय में 1 टीस्पून चीनी डालते हैं तो खांड को तकरीबन 1.5 टीस्पून यूज करें।