टैटू या पियर्सिंग कराते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान
सुंदर दिखना, सजना-संवरना और आकर्षक बनना हर व्यक्ति की चाहत होती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सुंदर दिखना, सजना-संवरना और आकर्षक बनना हर व्यक्ति की चाहत होती है। इसके लिए विभिन्न तरह के कॉस्मेटिक का प्रयोग, तरह- तरह के परिधानों तथा अन्य साधनों का उपयोग भी किया जाता है। कोई घरेलू उपाय अपनाता है तो कोई फाइव स्टार सुविधाओं के साथ स्किन ट्रीटमेंट लेता है। टैटू व पियर्सिंग इसी कड़ी का एक हिस्सा है। बरसों से हमारे देश में आदिवासी इलाकों व गांवों में खासकर अपने प्रियजनों के नाम या स्वयं का नाम गोदने के रूप में गुदवाने की परंपरा रही है। कई बार तो यही गोदना पहचान बन जाया करता था। इसी तरह कान, नाक आदि में गहने पहनने के लिए पियर्सिंग करवाना भी हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है।
आधुनिक स्वरूप में कुछ मॉर्डन तकनीक के साथ गोदने की यह परंपरा टैटू के रूप में ट्रेंड बन गई है। आज टैटू और बॉडी पियर्सिंग विशेषकर युवाओं के जीवन का हिस्सा बन गए हैं। अपने पालतू जानवर के चेहरे से लेकर, पॉजिटिव संदेश देने वाले टैटू, प्रेम की अभिव्यक्ति करते टैटू जैसे तमाम टैटूज की ये सूची अंतहीन है। कुछ लोग तो पूरे शरीर को टैटूज से सजा डालते हैं।
वहीं नाक और कान के अलावा अब आइब्रो, होंठ, नाभि आदि पर पियर्सिंग करवाना भी ट्रेंड है। लेकिन क्या टैटूज बनवाते या पियर्सिंग करवाते समय किसी बात को ध्यान में रखना चाहिए? क्या इनका संबंध आपकी सेहत से भी हो सकता है? जवाब है- हाँ। टैटूज या पियर्सिंग आपके स्वास्थ्य से जुड़ा मसला है। इसलिए जब भी टैटू बनवाएं या पियर्सिंग करवाएं तो आगे की स्लाइड में बताई जा रही बातों को हमेशा ध्यान में रखें।
टैटू-पियर्सिंग कराते समय ध्यान दें
टैटू और पियर्सिंग दोनों को लेकर किशोरों और युवाओं में बहुत क्रेज है लेकिन इन्हें अपनाते वक्त अक्सर यह ध्यान नहीं दिया जाता कि ये शरीर के बाहर और भीतर कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं। जहां टैटू की इंक और सुई नुकसान पहुंचने की वजह हो सकती है वहीं पियर्सिंग के घाव ध्यान न देने पर गंभीर इन्फेक्शन का खतरा भी बन सकते हैं। इसलिए जब भी इन दोनों चीजों को अपनाएं, कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।
इन बातों को ध्यान में रखें
जिस जगह आप टैटू या पियर्सिंग करवा रहे हैं वहां हाइजीन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है या नहीं। ये बात सामान्य दिनों से ज्यादा अब कोरोना के समय में और भी महत्वपूर्ण हो गई है। इससे संक्रमण की आशंका कई गुना बढ़ सकती है।
पियर्सिंग या टैटू करने वाले व्यक्ति के पास इसके लिए पर्याप्त प्रशिक्षण है या नहीं, यह भी बहुत मायने रखता है। याद रखिए कि पियर्सिंग करवाते या टैटू बनवाते समय सुइयों का सम्पर्क शरीर की कई नसों से होता है, ऐसे में जरा सी भी गड़बड़ घातक परिणाम दे सकती है।
सेहत को लेकर रहें सावधान
अगर आपने बॉडी पियर्सिंग या फुल बॉडी टैटू को चुना है तो आपको सतर्क भी रहना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कई महत्वपूर्ण और नाजुक अंगों के काम पर असर पड़ने का खतरा भी हो सकता है। इसलिए माथे, आंखों के आस-पास, होठों पर, नाभि में, जुबान पर रीढ़ की हड्डी के पास टैटू बनवाने या पियर्सिंग करवाने से पहले सही सलाह लें।
यदि आप किसी तरह की एलर्जी से ग्रस्त हैं तो यह खतरा इन दोनों ही चीजों से और बढ़ सकता है। टैटू या पियर्सिंग द्वारा कई तरह की एलर्जी हो सकती हैं। टैटू के लिए प्रयोग में लाए जा रहे रंग यानी इंक, पियर्सिंग के लिए उपयोग में लाए जाने वाले मैटल के टूल्स आदि भी एलर्जी का कारण बन सकते हैं। इन टूल्स में निकल, नियोबियम और टाइटेनियम शामिल हो सकते हैं। जिनके कारण एक्जिमा, राइनाइटिस, प्रुराइटिस तथा स्किन लिम्फोसाइट्स आदि होने का खतरा हो सकता है।
टैटू या पियर्सिंग से हो सकता है संक्रमण
वर्तमान में कोरोना वायरस के हमले से सभी वाकिफ हैं लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे घातक वायरस और बैक्टीरिया हैं जो टैटू या पियर्सिंग के जरिये शरीर में संक्रमण पहुंचा सकते हैं। इनमें हेपेटाइटिस जैसी बीमारी भी शामिल है। इसके अलावा जो लोग डायबिटिक हैं उनमें स्किन इंफेक्शन के गंभीर होने की आशंका भी बन सकती है।
यदि पियर्सिंग ठीक तरह से न कि जाए तो त्वचा पर हयपरट्रॉफिक स्कार यानी ऐसे निशान भी पड़ सकते हैं जिनको ठीक करने के लिए कई बात स्टेरॉइड्स का सहारा भी लेना पड़ सकता है। इस स्थिति में त्वचा की कई परतें चोट या घाव पर एक ही जगह पर जमकर एक उभार सा बना देती हैं।
ऐसी स्थितियों में बरतें विशेष सावधानी
वीक इम्यून सिस्टम, गर्भावस्था या दिल के रोग से ग्रसित लोगों में निप्पल, नाभि, होंठ आदि स्थानों पर करवाई गई पियर्सिंग या टैटू गंभीर संक्रमण भी पैदा कर सकते हैं। साथ ही गर्भवती महिलाओं में इससे बच्चे तक भी संक्रमण का खतरा पहुंच सकता है।
टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इंक में कई ऐसे कैमिकल या मैटल भी हो सकते हैं जो शरीर में जाकर सेहत को बिगाड़ सकते हैं। खासकर इसके लाल, हरा, पीला और नीला रंग एलर्जिक रिएक्शन पैदा कर सकता है। इसलिए सावधानी से इसका प्रयोग करना बहुत जरूरी है।