ऐसा कहा जाता है कि कलौंजी मौत को छोड़कर हर मर्ज़ की दवा है। कलौंजी आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर जैसे बहुत सारे मिनरल्स और न्यूट्रिएंट्स से भरपूर है। लगभग 15 एमीनो एसिड वाला कलौंजी शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन की कमी भी पूरी करता है। कलौंजी का तेल रक्तचाप को कम और श्वसन को बढ़ाता है और कोलेस्ट्रॉल के खिलाफ उपयोगी होता है। यह एक अच्छा एंटी ऑक्सीडेंट भी है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कलोंजी किस तरह हमारे लिए फायदेमंद हैं।
टाइप-2 डायबिटीज के उपचार के लिए प्रतिदिन 2 ग्राम कलौंजी के सेवन के परिणामस्वरूप तेज हो रहा ग्लूकोज कम होता है। इंसुलिन रैजिस्टैंस घटती है,बीटा सैल की कार्यप्रणाली में वृद्धि होती है तथा ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन में कमी आती है।
कलौंजी का तेल में ऑलिव ऑयल और मेंहदी पाउडर को मिलाकर हल्का गर्म करें। जब यह मिश्रण ठंडा हो जाए तो इसे किसी शीशी में बंद करके रख दीजिए। इस तेल से सप्ताह में दो बार मसाज करने से गंजेपन की समस्या में राहत मिलती है।
शहद और कलौंजी का पेस्ट बनाकर आधे घंटे के लिए अपनी त्वचा पर लगाएँ। धोने के बाद आपको अपनी त्वचा में एक अलग ही चमक दिखाई देगी।
याददाश्त बढाने के लिए और मानसिक चेतना के लिए एक छोटी चम्मच कलौंजी का तेल 100 ग्राम उबले हुए पुदीने के साथ सेवन करें।
लकवा रोग में उपचार के लिए कलौंजी का तेल एक चौथाई चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ कुछ महीने तक प्रतिदिन पीने और रोगग्रस्त अंगों पर कलौंजी के तेल से मालिश करने से लकवा रोग ठीक होता है।
यह खून में विषाक्त पदार्थों को साफ करने का काम करता है। सुबह के समय खाली पेट इसका इस्तेमाल करना कहीं अधिक फायदेमंद होता है। हालांकि गर्भावस्था में कलौंजी के इस्तेमाल से बचना चाहिए, वरना गर्भपात होने की आशंका बढ़ जाती है।
कलौंजी का प्रयोग हृदय से संबंधित कई रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इसके इस्तेमाल के लिए एक चम्मच बकरी के दूध में आधा चम्मच कलौंजी के तेल को मिलाकर रोजाना 1 हफ्ते तक पीने से हृदय मजबूत बनता है और हार्ट अटैक का ख़तरा भी कम हो जाता है।