संयुक्त परिवार है जीवन का आधार, मजबूत होता विश्वास का बंधन, खुशियां अपार
मजबूत होता विश्वास का बंधन, खुशियां अपार
किसी भी व्यक्ति के लिए संयुक्त परिवार जीवन का एक स्तंभ माना गया है। लेकिन समय बदलने के साथ व्यक्ति संयुक्त परिवार का महत्व और परिभाषा भूलता जा रहा है। लेकिन आज हम इस आर्टिकल के जरिये बताएंगे कि संयुक्त परिवार के क्या-क्या फायदे है। ये फायदे आपके बच्चे मानसिक विकास और स्वास्थ्य दोनों के लिए जरुरी साबित होंगे। आइए ज्वाइंट फैमिली रहने के ऐसे ही कुछ फायदे जानते हैं।
आदर भावना का विकास
लोगों के बीच, खासकर बच्चों में आदर भावना का विकास होता है। बच्चे घर के बड़ों का सम्मान करना व अपने से बड़ों की आज्ञा का पालन करना जैसी कई अच्छी आदतें सीखतेहैं। इस सीख व आदत को जीवन के लिए महत्वपूर्ण माना गया है।
होता है जिम्मेदारियों का एहसास
यदि आप एकल परिवार या न्यूक्लियर फैमिली में रहते हैं तो सभी कार्यों को खुद से पूरा कर पाना मुश्किल होता है। हालांकि, जब आप किसी संयुक्त परिवार में रहते हैं तो आपके अंदर कार्य को सामूहिक रूप से करने की भावना का विकास होता है। आसान भाषा में आपको अपनी जिम्मेदारी का अहसास होता है। जिम्मेदारियों का यही अहसास किसी भी कार्य को हल्का कर देता है। आपको पूरे काम का भार अपने सिर पर लेने की जरूरत नहीं होती है।
बच्चे को मिलता है परिवार का साथ
सिंगल परिवार में कई बार बच्चे अकेला अनुभव करने लगते हैं क्योंकि पेरेंट्स काम की वजह से ज्यादातर समय बाहर रहते हैं और शाम को घर आने के बाद वे इतने थक जाते हैं कि उनके पास अपने बच्चे से उनके पूरे दिन के बारे में पूछने के लिए समय भी नहीं होता है। ऐसे में बच्चे आसानी से अकेला महसूसकर सकते हैं। वहीं ज्वाइंट फैमिली में माता-पिता के अलावा भी बच्चे के पास चाचा-चाची और दादा-दादी होते हैं, जिनसे बच्चे अपनी बातें शेयर कर पाते हैं या फिर अपने भाई-बहन से भी बात कर पाते हैं।
काम का बोझ कम होता है
संयुक्त परिवार में किसी एक सदस्य के कंधों पर काम का बोझ नहीं होता। यहां भले ही लोगों की संख्या ज्यादा होती है, लेकिन सभी के बीच घर का काम बराबर बांटा जाता है। जैसे रसोई का काम महिलाओं के जिम्मे आता है, तो घर के पुरुष बाहर के काम आपस में मिलकर करते हैं।
मिलता है बड़ों का साथ और आशीर्वाद
संयुक्त परिवार में घर के बड़े-बुजुर्ग ही मुखिया होते हैं। अगर फैमिली में किसी को किसी तरह की परेशानी या उलझन होती है, तो बड़े-बुजुर्ग उन्हें सही रास्ता दिखाते हैं। यही नहीं, वे अपने जीवन के अनुभव भी अपने बच्चों के साथ शेयर करते हैं। वैसे कहा भी जाता है कि संयुक्त परिवार में बड़े-बुजुर्गों से जो शिक्षा मिलती है, वह किताबों से मिली शिक्षा से बढ़कर होती है।
साथ रहने के भावना का होता है विकास
संयुक्त परिवार में रहने वाले ज्यादातर लोग अपना समय बड़े बुजर्गों के बीच बिताते हैं। ऐसे परिवार में रहने वाले बच्चे कभी भी बोर नहीं होते हैं। ऐसे बच्चों के पास हमेशा चचेरे भाई बहन होते हैं, जिनके साथ वह खेल सकते हैं। आसान भाषा में ही उसे कुछ दोस्तों का साथ मिल जाता है। बचपन से इस प्रकार का अनुभव मिलने से युवावस्था में बच्चा अपने आपको ज्यादा सामाजिक महसूस करता है।
मिलती है सामाजिक सुरक्षा
संयुक्त परिवारमें कमजोर, बुजुर्ग, बीमार, नवजात, दिव्यांगऔर जरूरतमंद सदस्यों को सामाजिक सुरक्षा मिलती है। कई बार दुर्घटना और आपदा जैसी समस्याओं में एकल परिवार के लोगों को भी संयुक्त परिवार की आवश्यकता होती है। ठीक इसी तरह अनाथ, विधवा, तलाकशुदा, अलग रहने वाले लोग संयुक्त परिवार की महत्ता को नकार नहीं सकते।
घर की सुरक्षा
एकल परिवार के मुकाबले संयुक्त परिवार में रहने से घर की सुरक्षा की चिंता काफी हद तक कम हो जाती है। कई बार ऐसा होता है कि एकल परिवार के लोग इसी चिंता में घूमने या फिर किसी जरूरी काम से बाहर नहीं जा पाते हैं कि उनके नहीं रहने पर घर की देखभाल कौन करेगा, लेकिन ज्वाइंट फैमिली में ऐसा डर नहीं होता।