हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि किसी के असल स्वभाव की परख ऊपरी तौर से नहीं की जा सकती है, गुड़ के साथ भी ऐसा ही कुछ है. गुड़ के रूप-रंग को देखकर हम अक्सर उसे खाने से हिचकिचाते हैं या फिर नहीं ही खाते, पर आपको बता दें कि शहद के बाद गुड़ ही है, जो आपकी सेहत के लिए फ़ायदेमंद है. गुणों से भरपूर गुड़ आपके शरीर के लगभग सभी मुख्य अंग के लिए फ़ायदेमंद है और इसलिए डॉक्टर भी शक्कर छोड़कर गुड़ और शहद के सेवन की सलाह देते हैं.
गुड़ में पाए जानेवाले गुण
गुड़ की तासीर गर्म होने के कारण ठंड के मौसम में खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन पानी में मिला देने से यह पेट को ठंडक देता है. इसलिए आप इसे पूरे साल अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं. गुड़ को इंस्टेंट एनर्जी का अच्छा स्रोत माना जाता है. मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर गुड़ में सुक्रोज़, कैल्शियम, फ़ॉस्फ़ोरस, प्रोटीन के अलावा कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है. जैसे, प्रति 100 ग्राम गुड़ में आयरन की मात्रा 11 ग्राम तक होती है और कैलोरीज़ 38 होती हैं. गुड़ में शरीर को डिटॉक्स करने वाले गुण भी पाए जाते हैं.
गुड़ के फ़ायदे
वज़न कम करने में सहायक
पोटैशियम सहित अन्य कई मिनरल्स की अच्छी मात्रा होने के कारण गुड़, मेटाबॉलिज़्म बढ़ाने के साथ-साथ शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है. इसमें मौजूद पोटैशियम, वॉटर रीटेन्शन को कंट्रोल करने और मसल्स बनाने में भी मदद करता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है.
अनीमिया से राहत
गुड़ में आयरन और फ़ोलेट की भरपूर मात्रा होने के कारण यह रेड ब्लड सेल्स को संतुलित रखकर अनीमिया को ठीक करने में मदद करता है. अनीमिया से पीड़ित व्यक्ति इसे रोज़ाना सीमित मात्रा में अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं. गुड़ गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से फ़ायदेमंद होता है.
पाचन क्रिया में सुधार
भारत में भोजन के बाद मीठा खाने की रवायत बहुत पुरानी है, लेकिन मीठे में अगर गुड़ हो तो यह सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित होता है, ख़ासकर ऑयली या नॉनवेज खाने के बाद. गुड़, डायजेस्टिव एंज़ाइम्स को ऐक्टिव करके पाचन क्रिया को सुचारू रूप चलाने में मदद करता है, जिससे एसिडिटी, कब्ज़ और पेट की कई समस्याओं से आराम मिलता है.
पीरियड के दर्द से आराम
गुड़ में कई ऐसे मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो शरीर के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं. यही मिनरल्स महिलाओं को पीरियड्स के दर्द से आराम दिलाने में मदद करते हैं. अगर आप पीरियड के पहले अचानक से अपने मूड में बदलाव देखती हैं, यानी आपका मूड स्विंग्स होता है, तो रोज़ाना अपनी डायट में थोड़े से गुड़ की मात्रा शामिल करें. यह एंडोर्फ़िन नामक हार्मोन को रिलीज़ कर पीरियड के दौरान आपको दर्द और मूड स्विंग से आराम देता है.
शरीर को डीटॉक्स करता है
गुड़ में प्राकृतिक रूप से डिटॉक्सिफ़िकेशन के गुण पाए जाते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करते हैं. इसलिए नियमित रूप से गुड़ के सेवन की सलाह दी जाती है. यह श्वास नली, फेफड़ा, आंत, पेट और भोजन नली को साफ़ करने में मदद करता है, इसलिए अधिक प्रदूषित जगहों पर काम करने वाले लोगों को गुड़ खाने के लिए कहा जाता है.
इन सभी फ़ायदों के अलावा गुड़ में ऐंटी-बैक्टीरियल एजेंट्स भी पाए जाते हैं, जो सांस से संबंधित समस्याओं के लिए फ़ायदेमंद होते हैं. इसमें मौजूद कैल्शियम जॉइन्ट पेन से आराम दिलाता है. हालांकि इसके कई सारे स्वास्थ्य संबंधी लाभ हैं, लेकिन फिर भी शर्करा की मात्रा अधिक होने के कारण इसे अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए. डायबिटीज़ के मरीज़ बिना डॉक्टरी सलाह के इसे अपनी डायट में शामिल ना करें. ध्यान रहे, अति किसी भी चीज़ की नुक़सानदेह है.
100 ग्राम गुड़ में मिनरल्स
शक्कर 60-85 ग्राम
ग्लूकोज़ 5-15 ग्राम
प्रोटीन 0.4 ग्राम
खनिज 0.6-1 ग्राम
कैल्शियम 8 मिग्रा
फ़ॉस्फ़ोरस 4 मिग्रा
आयरन 11 मिग्रा
ऊर्जा (किलो कैलोरी) 380-390