स्किन को यंग बनाए रखने के लिए खुश रहना है जरूरी, जानिए कैसे
कहते हैं कि खुश रहने से आधे से ज्यादा तकलीफें तो वैसे ही गायब हो जाती है, ये बात तो सभी मानते हैं कि जो लोग किसी भी परिस्थिति में खुद को कूल रखते हैं, वो कई तरह के स्वास्थ्य लाभ लेते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कहते हैं कि खुश रहने से आधे से ज्यादा तकलीफें तो वैसे ही गायब हो जाती है, ये बात तो सभी मानते हैं कि जो लोग किसी भी परिस्थिति में खुद को कूल रखते हैं, वो कई तरह के स्वास्थ्य लाभ लेते हैं. जिंदगी के प्रति पॉजिटिव अप्रोच रखने वाली युवतियां (Girls) दिल और दिमाग से हेल्दी, दिखने में खूबसूरत और लाइफ में कामयाब होती हैं. न्यूज रिपोर्ट का दावा है कि ये बात हावर्ड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिसर्च में सामने आई है, और इस स्टडी को अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी (American Journal of Epidemiology) में प्रकाशित किया गया है. इस स्टडी के अनुसार, जिंदगी में पॉजिटिव अप्रोच रखने वाली महिलाओं/लड़कियों में गंभीर बीमारियों का रिस्क बेदह कम होता है.
संगत का पड़ता है असर
इसके साथ ही एक नई बात इस स्टडी में ये भी सामने आई है कि अगर आप खुश रहने वाले लोगों के बीच में रहते हैं, तो ये भी आपके मूड को पॉजिटिव रखने में काफी कारगर साबित हो सकता है. अमेरिकी सोशल साइंटिस्ट (American social scientist) जेम्स एच फॉलर (James H Fowler) की स्टडी में दिखा है कि अगर आप किसी वजह से उदास हों, लेकिन आपका कोई साथी हो तो ससे आपकी उदासी लगभग 25 प्रतिशत घट जाती है.
रिसर्चर्स ने साल 2004 से 2012 के बीच 70 हजार महिलाओं के मेडिकल डाटा का विश्लेषण किया. इस दौरान उन्होंने प्रतिभागियों (participants) की पॉजिटिव अप्रोच की भी जांच की. विज्ञान की भाषा में इसे इमोशनल कॉन्टेजियन (EC) कहते हैं, इसका मतलब होता है भावनाओं का एक दूसरे में फैलाव. ये बात सिर्फ खुशी वाली फीलिंग्स पर ही नहीं, बल्कि उदासी और गुस्से जैसी भावनाओं पर भी लागू होती है. लेकिन गुस्से और उदासी की तुलना में खुशी ज्यादा तेजी से फैलती है.
फील गुड हॉर्मोन करता है काम
हावर्ड में गर्ल्स पर हुई स्टडी में ये भी दिखा कि जो लड़कियां पॉजिटिव सोच रखती हैं उनकी स्किन ज्यादा तरोताजा या रिफ्रेशिंग दिखाई देती है. इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण ये हैं कि खुशी के दौरान हमारे शरीर में सेरोटोनिन और एंड्रॉर्फिन (Serotonin and Endorphins) जैसे फील गुड हार्मोन्स निकलते हैं. ये स्किन रिलेटेड डिजीज के खतरे को कम करते हैं.