महिलाओं का लगभग एक-तिहाई जीवन रजोनिवृत्ति और रजोनिवृत्ति के बाद की अवस्था से जूझने हुए बीतता है. एक शोध अनुसार दुनियाभर में रजोनिवृत्ति और रजोनिवृत्ति के दौरा से गुजर चुकीं महिलाओं की संख्या लगभग 1.2 बिलियन हो सकती है. महिलाएं इस दौरा में किन परेशानियों से दो-चार होती हैं, इसके बारे में ख़ुद महिलाओं को भी पूरी जानकारी नहीं होती है, पुरुष समाज तो इससे लगभग अनजान ही है. इस मुश्क़िल राह को थोड़ा आसान करने के लिए इप्सोस के साथ साझेदारी में एबॅट द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 87% लोगों को लगता है कि रजोनिवृत्ति एक महिला के दैनिक जीवन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है. फिर भी, क्या यह चौंकाने वाली बात नहीं है कि इसके बाद भी इस विषय पर बातचीत बहुत कम होती है?