माना जाता है प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स, इन बीमारियों को करता है नियंत्रित
दालें और फलियां हमारी डाइट का बेहद अहम हिस्सा हैं जो हमारे भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ ही हमारी सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद मानी जाती हैं। दाल और फलियों की ही एक वैरायटी है काला चना जिसे प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स माना जाता है। काले चने की मुख्य रूप से 2 वैरायटी होती है- देसी और काबुली।
देसी वैरायटी वाला चना गहरे भूरे रंग का होता है, जबकि काबुली चना हल्के रंग का होता है जिसे बहुत से लोग छोले के नाम से भी जानते हैं। वैसे तो देसी और काबुली- दोनों ही तरह का चना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, फाइबर और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर देसी काला चना कई तरह की बीमारियों को दूर कर शरीर को स्वस्थ और दिमाग को तेज बनाने में भी मदद करता है।
काला चना सिर्फ हमारी सेहत के लिए ही नहीं बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में आयरन की कमी हो या हीमोग्लोबिन कम हो तो उसे भी काले चने का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसमें करीब 30 फीसदी तक आयरन पाया जाता है।
ब्लड शुगर
शरीर में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में चना अहम भूमिका निभा सकता है। एक शोध के अनुसार, चना शरीर में अतिरिक्त ब्लड शुगर को दबाने का काम कर सकता है। मधुमेह का एक कारण अधिक भूख लगना भी है और चना भूख को कम करने का काम कर सकता है। इसके पीछे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (रक्त शर्करा के स्तर पर कार्बोहाइड्रेट का प्रभाव), फाइबर व प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का होना है।
पाचन तंत्र
पाचन स्वास्थ्य के लिए भी चने के फायदे बहुत हैं। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसलिए चना पेट संबंधी समस्याओं जैसे गैस, कब्ज, डायरिया व सख्त मल आदि को ठीक कर स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है। एक रिपोर्ट के अनुसार फाइबर कब्ज जैसी स्थितियों के अलावा कोलन कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकता है। पाचन के लिए अंकुरित चने के फायदे कई हैं। रोजाना सुबह खाली पेट अंकुरित चने खाए जा सकते हैं।
वजन कम करने के लिए
मोटापे से परेशान लोग चने का सेवन कर सकते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि चने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो अत्यधिक भूख को नियंत्रित कर वजन घटाने में सहायता कर सकता है। इसमें मौजूद फाइबर कैलोरी के सेवन को कम कर अतिरिक्त मोटापे को नियंत्रित कर सकता है वहीं, भूरा चना छिलके सहित खाया जाए, तो यह धीरे-धीरे पचता है और लंबे समय तक भूख का एहसास नहीं होता है। वेट लॉस के लिए इसका सेवन किया जा सकता है।
हृदय स्वास्थ्य और कोलेस्ट्रोल
हृदय के लिए भी चना खाने के फायदे बहुत हैं। चना पोटैशियम, फाइबर और विटामिन-सी व बी6 जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। फाइबर कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद कर सकता है, जो हृदय रोग का एक मुख्य कारण है। एक अध्ययन के अनुसार चने में मौजूद घुलनशील फाइबर और पोटैशियम हृदय रोग को रोकने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, चने में मौजूद फोलेट हृदय को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है। यह होमोसिस्टीन नामक एमिनो एसिड को बेअसर कर सकता है, जो रक्त के थक्कों का निर्माण करते हैं।
हड्डी स्वास्थ्य
हड्डियों के लिए काबुली चना के फायदे बहुत हैं। यह कैल्शियम से समृद्ध होता है और कैल्शियम हड्डियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। यह हड्डियों को स्वस्थ बनाने और उन्हें मजबूत रखने में सहयोग कर सकता है। शरीर कैल्शियम का निर्माण नहीं कर सकता है, इसलिए इसकी पूर्ति कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों से की जाती है। मजबूत हड्डियों के लिए रोजाना चने का सेवन कर सकते हैं।
प्रोटीन का अच्छा स्रोत
चना अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत है। एक कप चने में लगभग 14.53 ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है। शरीर की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। मस्तिष्क की कोशिकाएं, त्वचा, बाल व मांसपेशियां सभी प्रोटीन आधारित होती हैं। शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत और नई कोशिकाओं के विकास के लिए भी प्रोटीन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन बच्चों, युवाओं और गर्भवती महिलाओं के शारीरिक विकास के लिए जरूरी है। चने का नियमित सेवन कर शरीर में प्रोटीन की पूर्ति कर सकते हैं।