आम जीवन में कब कौनसा हादसा हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता हैं। अक्सर देखने को मिलता हैं कि लोग चलते-फिरते अचानक चोटिल हो जाते है जिसकी वजह से अंदरूनी चोट आ जाती हैं और सूजन होने लगती हैं। यह अंदरूनी चोट ज्यादा दिखती भले ना हो लेकिन लंबे समय तक असहनीय पीड़ा का अहसास करवाती हैं। इस हल्की-फुल्की चोट को नजरअंदाज करना बाद में गंभीर साबित हो सकता हैं। ऐसे में जरूरी है कि चोट-मोच के बारे में कुछ प्राथमिक जानकारियां हमें पता हो, ताकि चोट लगने पर हम उसके बारे में उचित फैसला ले सकें। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं जो अंदरूनी चोट में राहत दिलाने का काम करेंगे। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...
अरंडी का तेल
अरंडी के तेल में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो दर्द को कम करने और चोट को ठीक करने में मदद करते हैं। इसके अलावा कई मामलों में यह पुरानी चोट के निशान को हटाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल प्रभाव संक्रमण को फैलने से रोकते हैं और घाव को भरने में मदद करते हैं। अरंडी के तेल को एक कटोरी में लें और धीमी आंच पर गर्म कर लें। अब इससे अपने प्रभावित हिस्से की मसाज करें। इसके बाद इस पर कोई कपड़ा या पट्टी से बांध लें। अरंडी के तेल से दिन में दो से तीन बार मसाज करें।
शहद और चूना
शहद और खाने वाले चूना का इस्तेमाल कर आप चोट और दर्द से राहत पा सकते। इन दोनों ही चीजों में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो, चोट के कारण उत्पन्न हुए दर्द को खींच लेते है। इसके लिए आपको पीड़ा वाले स्थान पर थोड़ा से शहद में उसका पच्चीस फीसदी हिस्सा चूना मिलाकर लगाना हैं। शरीर के ग्रस्त अंग पर लगने के बाद यह आपको थोड़ा गर्म लगेगा लेकिन आराम भी मिलेगा।
हल्दी और प्याज
अंदरूनी चोट के दर्द से राहत पाने के लिए आप हल्दी और प्याज का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुण मौजूद होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। अंदरूनी चोट को ठीक करने के लिए आप सरसों के तेल में थोड़ा सा हल्दी पाउडर और कुटा हुआ प्याज पका लें। जब यह थोड़ा ठंडा हो जाए तो इसे चोट वाली जगह पर बांधें। जल्दी आराम के पाने के लिए इसे रातभर बांधकर ही रखें।
एलोवेरा
लगभग हर मर्ज की दवा कहे जाने वाले एलोवेरा में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं। जिससे दर्द को कम करने में काफी सहायता मिलती है। उपचार प्रक्रिया को तेज करने में एलोवेरा जेल बेहद कारगर सिद्ध होता है। इसका इस्तेमाल आप घाव वाली जगह पर कर सकते हैं। एलोवेरा में ब्लड क्लॉटिंग को भी कम करने की क्षमता होती है। जिसके कारण खून का थक्का नहीं जमता।
लहसुन
लहसुन में मौजूद एलीसिन रसायन बेहद प्रभावशाली उपचार होता है। यह एक बेहतरीन एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल दवा है जो लगभग हर प्रकार के घाव को भरने की क्षमता रखती है। इसके अलावा यह व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को भी स्ट्रांग करता है, जिससे इलाज की प्रक्रिया में तेजी आती है। लहसुन को अच्छे से पीसकर उसे वाइन में मिला लें और दो से तीन घंटों के लिए छोड़ दें। अब इस मिश्रण को घाव पर किसी साफ कपड़े की मदद से लगाएं। कुछ देर बाद इसे धों लें। इस उपाय को दिन में एक से दो बार इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। ध्यान रखें कि लहसुन आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए इसे 20-25 मिनट से अधिक समय के लिए लगा न रहने दें।
एप्पल साइडर विनेगर
इसमें एंटीइंफ्लेमेंटरी प्रोपर्टी होती है जिसकी वजह से ये आपको चोट से होने वाली सूजन और दर्द से भी राहत दिलाता है। एप्पल साइडर विनेगर और पानी को 2:1 के अनुपात में मिला लें। इसमें साफ कपड़ा डुबो लें। इस कपड़े को चोट वाले हिस्से पर 5 मिनट तक रखें। इस प्रोसेस को 4-5 बार रिपीट करें। दिन में दो बार ऐसा करें।
सेंधा नमक
सेंधा नमक इलाज की प्रक्रिया को बढ़ाने का एक प्रभावी नुस्खा है। सेंधा नमक पर किए गए अध्ययनों में यह पाया गया कि यह दर्द से आराम दिलाता है और मांसपेशियों की ऐठन को ठीक करता है। इसके लिए सेंधा नमक को अपने नहाने के पानी में मिलाएं। अब इस पानी से स्नान करें। इसके अलावा आप चाहें तो अपने प्रभावित हिस्से को सेंधा नमक के पानी में कुछ समय के लिए डाल कर भी बैठ सकते हैं। इस उपाय को चोट या दर्द महसूस होते ही इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।