आंतों को सेहतमंद रखने के लिए डाइट में शामिल करें यह चावल
डाइट में शामिल करें यह चावल

खाने-पीने का मतलब सिर्फ स्वाद से नहीं होता है, बल्कि इससे शरीर को मिलने वाली एनर्जी से होता है। हम जो भी खाते हैं, उसका सही से पचना और शरीर को पूरी एनर्जी मिलना बहुत जरूरी है। इसके लिए पाचन तंत्र काम करता है। हमारा पाचन तंत्र बहुत जटिल है। शरीर में खाने को पचाने से लेकर अवशेष पदार्थों को बाहर निकालने तक, डाइजेस्टिव सिस्टम में कई अंग मिलकर काम करते हैं। जहां लिवर खाने में पचाने में मदद करता है और आंते खाने को अवशेष को बाहर निकालती हैं। हेल्दी रहने के लिए पाचन तंत्र का सही से काम करना जरूरी है।
डाइजेशन के लिए आंतों और लिवर को सही तरह के फंक्शन करना चाहिए। लेकिन आजकल लिवर और आंतों से जुड़े दिक्कतें काफी बढ़ गई हैं। ऐसे में डाइट में सही बदलाव करने चाहिए, जिससे आंतों की सेहत बनी रहे। यहां हम आपको एक ऐसे ही चावल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे गट हेल्थ के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। मनप्रीत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन में मास्टर्स की हैं। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
आंतों की सेहत के लिए खाएं यह चावल
एक्सपर्ट के मुताबिक, आंतों की सेहत के लिए पारबॉइल्ड राइस खाना चाहिए। इसमें प्रीबायोटिक अधिक मात्रा में होते हैं। यह आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाता है और गट हेल्थ को सुधारता है। इसमें कार्ब्स की मात्रा, नॉर्मल चावल से कम होती है। इसलिए इसे पचाना आसान होता है। पारबॉइल्ड राइस में न्यूट्रिशन्स अधिक मात्रा में होते हैं। इसमें फाइबर, कैल्शियम और पोटेशियम अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। यह डाइजेशन के लिए अच्छा होता है।
पारबॉइल्ड राइस क्या होता है?
पारबॉइल्ड राइस तैयार करने के लिए धान को कुछ घंटे पानी में भिगोया जाता है। इसके बाद इसे भाप में उबाला या पकाया जाता है। इस राइस को तैयार करने में भिगोना, भाप में पकाना और सुखाना शामिल है। यह सफेद चावल से अलग होता है, क्योंकि इसका प्रोसेसिंग मेथड अलग होता है जिससे इसकी न्यूट्रिशन वैल्यू बनी रहती है।
वजन घटाने के लिए कौन सा चावल खाएं?
वजन घटाने के लिए पारबॉइल्ड राइस अच्छा होता है। अगर आप वजन बढ़ने के डर से चावल नहीं खाती हैं, तो आप इसे खा सकती हैं।
इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है।
इसमें आयरन और कैल्शियम अधिक होता है। यह बोन और हेयर हेल्थ के लिए अच्छा होता है।
यह हार्मोनल इंबैलेंस को सुधारता है।
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