दिल्ली की कॉलोनियों में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए गेटों को अतिक्रमण माना जाएगा
दिल्ली की अलग-अलग कॉलोनियों में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की ओर से सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए गेटों को अतिक्रमण माना जाएगा।
दिल्ली की अलग-अलग कॉलोनियों में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की ओर से सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए गेटों को अतिक्रमण माना जाएगा। नगर निगम ने राजधानी की लगभग 300 आरडब्ल्यूए को नोटिस भेजने की तैयारी की है। निगम प्रशासन के मुताबिक, दिल्ली में कई कॉलोनियों में आरडब्ल्यूए ने प्रमुख सड़कों पर गेट लगा लिए हैं और उन्हें अपनी मर्जी से खोलते और बंद करते हैं, जोकि नियमानुसार गलत है।
निगम के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आरडब्ल्यूए द्वारा लगाया गेट एक प्रकार से अतिक्रमण है। बिना किसी इजाजत के कई कॉलोनियों में गेट लगा लिए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि इससे पहले भी एक बार मॉडल पार्किंग परियोजना को लागू करने के लिए कॉलोनी के गेटों को खुलवाने की कवायद की गई थी। उस दौरान तीन कॉलोनियों में गेटों को खोलने के लिए आरडब्लूए को राजी भी कर लिया गया था। इस बार गेट खोलने के लिए निगम की ओर से पहले कॉलोनी निवासियों को नोटिस भेजकर आग्रह किया जाएगा। अगर फिर भी गेट नहीं खोले जाते हैं तो आरडब्ल्यूए के खिलाफ अतिक्रमण की धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड को होती है दिक्कत
निगम अधिकारियों ने बताया कि कई कॉलोनियों में ऐसे मामले सामने आए हैं जहां आपातकाल की स्थिति में एंबुलेंस, पुलिस या फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। आरडब्ल्यूए ने कॉलोनी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सड़कों पर गेट लगा लिए हैं, लेकिन इनमें से कई गेट स्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। निगम अधिकारियों ने बताया कि कॉलोनी के हर गेट पर सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था की जाए ताकि आपातकाल की स्थिति में गेट को तुरंत खोला जा सके।
ग्रीन पार्क, सफदरजंग एन्क्लेव में पहले हुई थी कार्रवाई
निगम की ओर से 2020 में ग्रीन पार्क एक्सटेंशन और सफदरजंग एन्क्लेव में चार-चार गेटों को हटा दिया था। अधिकारियों के अनुसार, गेट बंद करने के खिलाफ ग्रेटर कैलाश जैसी कई अन्य कॉलोनियों के निवासियों से गेट हटाने के आवेदन मिले थे। अधिकारियों ने बताया कि निवासियों के एक समूह द्वारा दिन के समय गेट बंद होने की बार-बार शिकायत करने के बाद बैरियर हटाने की कार्रवाई की गई थी। निगम अधिकारियों ने उस मामले में निर्देश जारी किए थे कि गेटों पर बूम बैरियर या अन्य किसी प्रकार की रुकावटों के पुनर्निर्माण के लिए आरडब्ल्यूए को ट्रैफिक पुलिस और निगम से मंजूरी लेनी होगी।