बालासन बालासन करने से भी तनाव और चिंता कम होती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। अब हथेलियों और माथे को जमीन पर टिका लें। कुछ देर तक इसको दोहराते रहें।
पद्मासन पद्मासन भी तनाव से मुक्ति दिलाने में बहुत मदद करता है। इस योगासन को करने से मानसिक तनाव भी दूर होता है और मन में एकाग्रता भी बढ़ती है। इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और दाएं पैर को मोड़ लें। अब दांयी एड़ी को बाईं जांघ पर रखें और बाएं पैर को मोड़कर बायीं एड़ी को दायीं जांघ पर रखें। आसान करते समय रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें। हाथ की उंगलियों से ज्ञान मुद्रा बनाते हुए हाथों को अपने घुटनों पर रख लें। कोहनियां बिल्कुल भी नहीं मुड़नी चाहिए। अब गहरी सांस लेकर छोड़ें और सांसों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें। कुछ मिनट तक इसी मुद्रा में रहें और इसको रोजाना दोहराएं।
वृक्षासन वृक्षासन तनाव और चिंता को नियंत्रित करने के लिए काफ़ी लाभदायक आसान है। इसे करने के लिए पहले सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं। फिर धीरे-धीरे सीधे पैर के घुटने को मोड़ते हुए पंजे को बाएं पैर की जांघ पर रखें और पैर को सीधा रखें। अब अपनी सांस रोकने का प्रयास करें। दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं और नमस्कार की मुद्रा बना लें। इसके बाद पैर को नीचे लाते हुए सांस छोड़ें।
वज्रासन तनाव और एंग्जायटी दूर करने के लिए वज्रासन बहुत काम का आसान है। इसमें जमीन पर योगा मैट बिछाकर घुटने टेककर सीधे बैठ जाएं। रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीधा रखें और घुटनों को पीछे की ओर रखें। हिप्स को अपनी एड़ी पर टिका लें और पैरों को एक-दूसरे से दूर कर लें। दोनों हथेलियों को अपनी जांघों पर रखकर धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें। इस योगासन को हर दिन दोहराएं। इससे स्ट्रेस और एंग्जायटी में आराम मिलेगा। तो, अगर आप भी तनाव और एंग्जाइटी की समस्या का सामना कर रहे हैं तो इन चार तरह के योगासन ज़रूर करें।