अगर आप भी आवाजों से दूर एकांत तलाशते हैं ,जाने ये मीजोफोनिया डिसऑर्डर के लक्षण तो नहीं
कभी-कभी ऐसे हालात होना आम बात है लेकिन जब आवाजों की वजह से कोई दुनिया से कटना शुरू कर दे या उसके स्वभाव में बदलाव आने लगे, तो स्थिति गंभीर हो जाती है। यह मीजोफोनिया डिसऑर्डर का इशारा भी हो सकता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अगर आप भी आवाजों से दूर एकांत तलाशते हैं ,जाने ये मीजोफोनिया डिसऑर्डर लक्षण तो नहींकुछ लोग रात को इस वजह से भी पसंद करते हैं, क्योंकि दिन के मुकाबले रात बहुत ही शांत होती है। दिन में हमें भाग-दौड़, काम और कई तरह के शोर-शराबों से होकर गुजरना पड़ता है लेकिन रात में ये आवाजें फिर भी कम आती हैं। आपने कई लोगों को देखा होगा, जो तेज आवाजों को सुनते ही घबरा जाते हैं या फिर गुस्सा हो जाते हैं। कभी-कभी ऐसे हालात होना आम बात है लेकिन जब आवाजों की वजह से कोई दुनिया से कटना शुरू कर दे या उसके स्वभाव में बदलाव आने लगे, तो स्थिति गंभीर हो जाती है। यह मीजोफोनिया डिसऑर्डर का इशारा भी हो सकता है। आइए, जानते हैं क्या है यह डिसऑर्डर-
क्या है मीजोफोनिया
मीजोफोनिया एक साउंड डिसऑर्डर बीमारी है। इसमें मरीज को किसी खास तरह की आवाज से परेशानी होती है। आम जीवन में सभी को इन आवाजों से दो-चार होना पड़ता है, लेकिन जिन लोगों में मीजोफोनिया की समस्या होती है, उन्हें यह चुभने लगती है। किसी को खाने के समय निकलने वाली आवाज से समस्या होती है तो किसी को पीने के अंदाज से तकलीफ होती है। कुछ खास आवाजों के प्रति ऐसे मरीज काफी संवेदनशील हो जाते हैं, परिणामस्वरूप काफी आक्रामक व्यवहार करने पर उतर आते हैं। ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉं। एस। के। सिंह के अनुसार, सामान्य इंसान के लिए ये आवाजें सामान्य बात होती हैं, लेकिन यही आवाजें इस बीमारी के मरीजों को तकलीफ पहुंचाती हैं। कई बार आवाज उन्हें इतना आक्रामक बना देती है कि वह अपना आपा खो बैठते हैं और हिंसक होकर सामने वाले व्यक्ति को नुकसान पहुंचा देते हैं