शादी का रिश्ता प्यार और विश्वास पर बना ही बना होता है, लेकिन भारत में तलाक को लेकर अभी भी दिक्कत बनी हुई है। किसी महिला को अपनी इच्छा से तलाक मिलना या लेना आज भी बेहद मुश्किल है, हालांकि अब इन मामलों में तेजी देखी जा रही है, लेकिन इस बीच एक्ट्रेस शालिनी की डाइवोर्स सेलिब्रेट करने की तस्वीरे आने के बाद इस पर बहस छिड़ गई है। अक्सर लड़कियों के ऊपर ही सादी को चलाने और बचाने की जिम्मेदारी होती है। फिर वो चाहे कितने ही टॉक्सिक रिश्ते में जी रही है।
खास बात कि भारत में किसी शादी शुदा रिश्ते को टॉक्सिक बनाने के लिए पति से ज्यादा उसके परिवारवालों की भूमिका होती है। जिसमे उनका साथ पति दे रहा होता है। ऐसे में लड़की के सामने ये तय करना मुश्किल हो जाता है कि आखिर वो तलाक लेने जैसा निर्णय ले भी या नहीं, लेकिन अगर वैवाहिक रिश्ते में इस तरह की परिस्थितियां बन रही हैं तो तलाक लेने में ही समझदारी है। घरेलू हिंसा या शोषण का शिकार होने पर महिला को एक बार भी दूसरे मौके के बारे में नहीं सोचना चाहिए, लेकिन भारत में कई सारे घर ऐसे हैं जहां पति तो शोषण नहीं कर रहा होता, लेकिन घरवाले जिसमें सास-ससुर से लेकर ननद तक शामिल होती है।
दहेज लेना भले ही भारतीय कानून में जुर्म हो लेकिन इन सबका भारतीय परिवारों पर कुछ खास असर नहीं हैं। हर घर में बेटी के साथ भारी-भरकम दहेज देकर शादी की जाती है। ऐसे में लालची परिवार दहेज की डिमांड करता रहता है। शादी के रिश्ते में केवल शारीरिक चोट ही नहीं पहुंचाई जाती है बल्कि कई बार मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जाता है। शब्दों के तीन और कटाक्ष के जरिए दिन रात अगर महिलाओं को भेदा जा रहा हो तो ऐसे घर में रहना मुश्किल हो जाता है।