गर्मियों में पुदीने के ऐसे करें इस्तेमाल... तलवों की गर्माहट में मिलेगी राहत

पुदीना एक ऐसी औषधि

Update: 2021-03-30 16:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: पुदीना एक ऐसी औषधि है जिसका इस्तेमाल अधिकांश भारतीय घरों में रसोई में किया जाता है। ये न सिर्फ किसी व्यंजन का स्वाद बढ़ाता है बल्कि कई सारे रोगों का इलाज करने में भी सक्षम है। पुदीना पहाड़ी इलाकों में अधिक होता है और यह शरीर में मौजूद एसिड को भी कम करता है, इसलिए गर्मियों में तो इसकी महत्ता बढ़ जाती है। प्रतिदिन भोजन में थोड़ी मात्रा में पुदीने की चटनी का सेवन करने से ही कई सारी समस्याएं दूर रहती हैं।

बुखार में फायदेमंद  

बदलते मौसम में बुखार आना बहुत सामान्य बात है। ऐसे में पुदीना आपके काम आ सकता है। बुखार में पुदीने के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से सेहत लाभ पहुंचता है। अगर घर में पुदीने की चटनी बनी हुई रखी हो तब तो आपको काढ़ा बनाने की भी आवश्यकता नहीं है, उसी से मरीज को लाभ पहुंच जाएगा।

घाव सुखाने के लिए

घाव हो जाने पर व्यक्ति को बहुत परेशान होना पड़ता है इसलिए पुदीने की पत्तियों का उपयोग करके आप घाव को जल्दी भर सकते हैं। घाव हो जाने पर पुदीने के पत्तों को पीसकर उसपर लेप लगाना बहुत असरकारक होता है। इससे घाव के आसपास जीवाणु भी नहीं आते हैं और साथ ही दुर्गंध भी नहीं आती है।

तलवों में गर्माहट

गर्मियों में लोग तलवों की गर्माहट से अक्सर परेशान रहते हैं, जैसे- जैसे वातावरण में तापमान बढ़ता है, यह समस्या भी बढ़ने लगती है। ऐसे में पुदीने की पत्तियों को पीसकर तलवों पर लगाने से शीतलता पहुंचती है। साथ ही पुदीने का काढ़ा बनाकर पीने से पूरे शरीर में ठंडक बनी रहती है इसलिए गर्मियों में तो पुदीना बहुत ही जरूरी है।
पेशाब में जलन
गर्मियों में पेशाब में जलन की समस्या भी बेहद आम है। अगर पेशाब करते वक्त दर्द या जलन महसूस हो रही है तो पुदीने का काढ़ा बना लें और इसमें मिश्री भी पीसकर मिला लें। काढ़े को छानकर थोड़ा- थोड़ा दिन में दो से तीन बार पिएं। बिना किसी दवा के आपको जल्द से जल्द इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
पाचनतंत्र सक्रिय करे
आजकल के खान-पान और दिनचर्या के कारण पाचनतंत्र हमेशा स्वस्थ रहे, इस बात का दावा तो किया नहीं जा सकता है इसलिए यदि पेट में गड़बड़ है तो पुदीने के काढ़े में नमक और काली मिर्च मिलाकर इसका सेवन करें। पेट में होने वाली जलन से भी इस समस्या में राहत मिलती है। धीरे-धीरे पेट में ठंडक होने लगती है।


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