माता-पिता के झगडे का बच्चों पर क्या असर पड़ता है?

शादी शुदा लोगों के बीच अक्सर घर में झगड़े होते है, वो भी छोटी-छोटी बातों को लेकर। जिसकी वजह से उनके घर का माहौल काफी नकारात्मक हो जाता है। इसलिए उनके बच्चे पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।

Update: 2021-11-15 12:55 GMT

जनता से रिश्ता। शादी शुदा लोगों के बीच अक्सर घर में झगड़े होते है, वो भी छोटी-छोटी बातों को लेकर। जिसकी वजह से उनके घर का माहौल काफी नकारात्मक हो जाता है। इसलिए उनके बच्चे पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। घर में हमेशा तनाव भरा माहौल रहने की वजह से माता-पिता के साथ बच्चे में भी कई बुरी आदतें आने लगती है। आगे चलकर ये उसके लिए तो नुकसानदायक होती ही है, बल्कि उसके साथ रहने वाले बच्चों के लिए भी कई गुना नुकसानदायक हो सकती है।

बच्चों के सामने लड़ने वाले माता-पिता के नकारात्मक प्रभाव
हर बच्चे के माता पिता में थोड़ी बहुत नोक झोक होती रहती है, जो शांति से हल भी हो सकती है। लेकिन जब ये नोक झोक किसी बड़े झगड़े में बदल जाती हैं, तो वे बच्चों पर बुरा प्रभाव डालती हैं। माता-पिता के झगड़े एक बच्चे को कैसे प्रभावित करता है, आइये जानते हैं
चिल्लाकर बात करना
बच्चों के सामने लड़ने वाले माता-पिता के प्रभाव उनके लिए विनाशकारी हो सकते हैं। अपने माता-पिता को लड़ते और बहस करते हुए देखकर बच्चे यह मानने लगते हैं कि यह समस्याओं को हल करने का तरीका है। इस प्रकार, वे सभी के साथ उसी तरह से चिल्लाकर बात करते है और अपनी बातों को हल करने की कोशिश करते हैं।
भावनात्मक रूप से होते हैं कमजोर
बच्चे के सामने माता-पिता का अत्यधिक झगड़ना उन्हें भावनात्मक रूप से कमजोर कर सकता है। माता-पिता के बीच नियमित झगड़े का होना बच्चों में नकारात्मक भावनाओं को भी पैदा करता है। इससे उनमें असुरक्षा की भावना भी पैदा होती है। इस असुरक्षा के परिणामस्वरूप, बच्चे चिंता, अवसाद जैसे कई मनोवैज्ञानिक समस्याओं का शिकार होते हैं।
बच्चे झगड़ालू होने लगते है
बच्चे वही सीखते है जो वो अपने माता-पिता को करते हुए देखते हैं। यदि माता पिता लगातार लड़ते रहते हैं, तो आपका बच्चा भी यही सीखेगा। इसके परिणामस्वरूप, आपका बच्चा अपने दोस्तों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करते हैं। इसकी वजह से आगे आने वाले समय में उसके स्वाभाव में भी काफी बदलाव आएगा, जो की उसके लिए अच्छा नहीं होगा।
स्वास्थय होता है खराब
अपने माता-पिता को नियमित रूप से लड़ते हुए देखने से बच्चे चिंतित, उदास और असहाय महसूस करने लगते हैं। जिसकी वजह से कुछ बच्चे या तो खाना बंद कर देते हैं या बहुत अधिक खाने लगते हैं। इस कारण वह सिरदर्द या पेट में दर्द का शिकार भी हो सकते हैं। यहां तक ​​कि उन्हें रात को सोते समय परेशानी भी हो सकती है। माता-पिता के बीच लड़ाई बच्चों में गलत व्यवहार को जन्म देती हैं।

मानसिक विकास खराब होता है
इस लड़ाई के बीच बच्चों के मानसिक विकास पर भी काफी बुरा असर पड़ता है। बार-बार होने वाले इस झगड़े की वजह से बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता है उनके सोचने और समझे की शक्ति कम होने लगती है। इसकी वजह से उन्हें पढ़ने और लिखने में काफी परेशानी होने लगती है।
स्वाभाव चिड़चिड़ा हो जाता है
माता-पिता के बीच निरंतर झगड़े होने की वजह से बच्चे के स्वाभाव में भी काफी बदलाव आ जाता है। वह हर बात का जवाब चीड़ कर देने लगता है। इस झगड़े का सीधा असर उनके दिमाग पर पड़ता है और वह चाह कर भी इस माहौल से खुद को बाहर नहीं निकाल पाते हैं।
यदि आपके घर में भी ऐसा माहौल रहता है की आप अपने बच्चे के सामने लड़ते है, तो ऐसा बिल्कुल भी ना करें, क्योंकि ऐसा करने से आपके पूरे घर का माहौल खराब हो जाता है। जिसका सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ता है। कई शोधों में यह बात सामने आई है कि माता-पिता के आपसी झगड़े के कारण न केवल बड़े बच्चे या किशोर बल्कि छह महीने तक के बच्चों के ऊपर भी गलत प्रभाव पड़ता है।


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