कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत, क्‍या है इसका महत्‍व

हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) दुनियाभर में मनाया जाता है.

Update: 2021-06-05 04:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) दुनियाभर में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है. विश्व पर्यावरण दिवस या वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे को आप मदर नेचर यानी मां प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने का दिन भी कह सकते हैं. पर्यावरण (Environment) और मानव जीवन (Human Life) के संबंधों की बात करें तो यह एक अटूट संबंध है जिसमें प्रकृति ने तो इंसानों को सब कुछ दिया लेकिन इंसान प्रकृति के प्रति अपनी जिम्‍मेदारी के नाम पर ना तो सही तरीके से इसका संरक्षण किया और ना ही भविष्‍य की चिंता. इसी का नतीजा है कि आज दुनिया प्रदूषित पर्यावरण और प्राकृतिक आपदाओं की विकरालता के नीचे दबती जा रही है. पिछले कुछ सालों में वैज्ञानिकों ने पर्यावरण के गंभीर रूप से बिगड़ते हालात को समझा है और यही वजह है कि सामान्‍य लोगों में इसके प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्‍य से दुनियाभर के पर्यावरणविद् एक मंच पर इकट्ठे हुए हैं.

कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत
पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्वभर के देशों का पहला पर्यावरण वैश्‍विक सम्मेलन आयोजित किया जिसमें 119 देशों ने भाग लिया. यह पहला मौका था जब सभी देशोंं ने एक पृथ्वी के सिद्धांत का माना. इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की उत्‍पत्ति हुई और हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके का निर्णय लिया गया. इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य था नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराना और पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए राजनीतिक चेतना जागृत करना. उस साल सम्‍मेलन में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 'पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव' विषय पर व्याख्यान भी दिया था. बता दें कि पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में भारत का यह शुरुआती कदम था और तब से आज तक हर साल हम 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते आ रहे हैं.
क्‍या बना कानून
पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक कानून भी लागू किया है जिसे 19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के रूप में जाना जाता है. इस कानून के तहत जल, वायु, भूमि- इन तीनों से संबंधित चीजें आती हैं. उदाहरण के तौर पर, पौधों, सूक्ष्म जीव, अन्य जीवित पदार्थ आदि पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं जिनका संरक्षण हम सब की जिम्‍मेदारी है.
क्‍यों है मनाना जरूरी
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में लोगों के बीच पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल इफेक्ट आदि ज्वलंत मुद्दों और इनसे होने वाली विभिन्न समस्याओं के प्रति सामान्‍य लोगों को जागरूक करना है और पर्यावरण की रक्षा के लिए उन्‍हें हर संभव प्रेरित करना है.


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