पहले छोटे बच्चों को सिर्फ स्टील या कांच की बोतल में दूध पिलाया जाता था लेकिन अब तो प्लास्टिक की बोतलें भी मार्किट में मौजूद हैं लेकिन आप यह नहीं जानते कि प्लास्टिक आपके बच्चे के लिए कितना हानिकारक होता है। फ्रांस में तो प्लास्टिक के डिस्पोजेबल कप-प्लेट के यूज पर बैन लगा दिया गया है। प्लास्टिक की बोतल में कई तरक के नुकसानदेह केमिकल होते हैं जो रिसकर पानी में मिल जाते हैं और पानी के रास्ते ये केमिकल हमारे शरीर में पहुंचकर नुकसान पहुंचाते हैं। आइये जानते हैं प्लास्टिक कि बोतल किस तरह से हमें नुकसान पहुंचाती हैं।
प्लास्टिक की बोतल में बिस्फेनॉल नमक रसायन पाया जाता है जो दिमाग को कमज़ोर बनाता है। गर्म दूध डालते ही वह रसायन उसमें मिक्स हो जाता है जो बच्चे के शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
अगर आप प्लास्टिक के बोतल से पानी पीते हैं, तो इसके कारण कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग, गर्भवती मां और बच्चे को खतरे के अलावा कई दूसरी बड़ी और गंभीर बीमारियां आपको अपने कब्जे में ले सकती हैं।
सामान्य रूप से प्लास्टिक को रंग प्रदान करने के लिए उसमें कैडमियम और जस्ता जैसी विषैली धातुओं के अंश मिलाए जाते हैं। जब ऐसे रंगीन प्लास्टिक से बनी थैलियों, डिब्बों या दूसरी पैकिंग में खाने-पीने के सामान रखे जाते हैं तो ये जहरीले तत्त्व धीरे-धीरे उनमें प्रवेश कर जाते हैं।
कैडमियम की अल्प मात्रा के शरीर में जाने से उल्टियाँ हो सकती हैं, हृदय का आकार बढ़ सकता है।
प्लास्टिक को बोतल से दिमाग कमजोर हो सकता है। प्लासिटक की बोतल में प्रयोग की जोन वाली बाइसफेनोल ए के कारण दिमाग के कार्यकलाप प्रभावित होते हैं। इसके कारण इंसान की समझने और याद रखने की शक्ति कम होने लगती है।
जो कैमिकल बोतल को बनाने में इस्तेमाल होती है, वह भ्रूण में गुणसूत्र असामान्यताएं पैदा कर सकते हैं जिससे बच्चे में जन्मत दोष हो सकता है। ध्यान रहें, अगर बोतल के पानी का नियमित सेवन प्रेग्नेंट के समय में किया गया तो पैदा होने वाले शिशु को आगे चल कर प्रोस्ट्रेतट कैंसर या ब्रेस्टब कैंसर तक हो सकता है।