लाइफस्टाइल: हेपेटाइटिस का समय पर इलाज न हो तो ये जानलेवा हो सकती है. इस बीमारी के कई प्रकार होते हैं. इनमें अल्कोहलिक हेपेटाइटिस शराब के अधिक सेवन की वजह से होती है.
हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन है मौजूद, फिर भी क्यों खतरनाक है ये बीमारी
दुनियाभर में आज विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जा रहा है. इसका मकसद लोगों को हेपेटाइटिस की बीमारी के बारे में जागरूक करना है. यह दशकों पुरानी बीमारी है फिर भी हर साल इसके लाखों मामले आते हैं. इस डिजीज से बचाव के लिए वैक्सीन भी मौजूद है, लेकिन फिर भी यह काफी घातक है. इस बीमारी की वजह से लिवर पूरी तरह डैमेज हो सकता है. कैंसर भी होने का रिस्क रहता है.
यहां बड़ा सवाल यह है कि टीका होने के वाबजूद भी ये बीमारी इतनी खतरनाक क्यों है. इस सवाल का जवाब जानने से पहले ये जान लेते हैं कि हेपेटाइटिस बीमारी आखिर है क्या और ये कब होती है.
क्या है हेपेटाइटिस
फोर्टिस अस्पताल नोएडा में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉ. सुश्रुत सिंह बताते हैं कि हेपेटाइटिस लिवर की बीमारी है. इसकी शुरुआत में लिवर पर हल्की सूजन आ जाती है. यह बीमारी वायरस या फिर लिवर को नुकसान होने के कारण होती है. इस बीमारी की शुरुआत वायरल हेपेटाइटिस से होती है. यही इसका सबसे आम प्रकार है. यह कई वायरसों में से एक के कारण होती है. हेपेटाइटिस वायरस ए, बी, सी, डी और ई पांच तरह का होता है.. इनमें हेपेटाइटिस बी और सी ज्यादा खतरनाक होते हैं. इनमें मृत्युदर भी अधिक है.
शरीर का इम्यून सिस्टम लिवर पर करता है हमला
दिल्ली मेंओखला के फोर्टिस एस्कोर्ट्स हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोबिलरी साइंसेज डिपार्टमेंट में डॉ सुरक्षित टी. के बताते हैं कि हेपेटाइटिस का समय पर इलाज न हो तो ये जानलेवा हो सकती है. इस बीमारी के कई प्रकार होते हैं. इनमें अल्कोहलिक हेपेटाइटिस शराब के अधिक सेवन की वजह से होती है. इनमें ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस काफी खतरनाक होती है. यह एक क्रोनिक डिजीज है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम लिवर पर हमला करता है.
हेपेटाइटिस की बीमारी लिवर को पूरी तरह खराब भी कर सकती है. कुछ मामलों में ये लिवर फेलियर और लिवर कैंसर का कारण भी बन सकती है. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को यह आसानी से शिकार बना लेती है. इससे बचाव के लिए समय पर लक्षणों की पहचान और इलाज जरूरी है.
दूषित भोजन से भी फैल सकती है ये बीमारी
गुरुग्राम के सीके बिड़ला हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट में डॉ तुषार तायल ने बताया कि वायरल हेपेटाइटिस भोजन के माध्यम से, संक्रमित ब्लड के जरिए और यौन संपर्क से फैल सकता है. हेपेटाइटिस ए और ई दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है. ऐसे में स्वच्छ खानपान की ओर ध्यान देना जरूरी है.
क्या हैं लक्षण
अकसर हल्का बुखार रहना
भूख कम लहना
पेट में दर्द बने रहना
हमेशा थकान रहना
गहरे रंग का पेशाब आना
स्किन का पीला पड़ना
वैक्सीन होने के बावजूद क्यों है खतरनाक बीमारी
डॉ सुरक्षित टी. के कहते हैं कि हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन मौेजूद है. बच्चे के जन्म के बाद दस 10 साल की उम्र तक इस वैक्सीन को लगवाया जा सकता है. पहली खुराक के 6 महीने के भीतर अगली दो डोज ली जा सकती है. व्यस्कों को भी यह टीका लगवाया जा सकता है. इस वैक्सीन से हेपेटाइटिस बी से काफी हद तक बचाव हो जाता है, लेकिन अधिकतर लोगों को इस टीके के बारे में जानकारी ही नहीं होती है. ऐ
से में ये लोग टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं और बीमारी की चपेट में आ जाते है. कुछ मामलों में लोग लक्षणों पर भी ध्यान नहीं देते हैं. इससे हेपेटाइटिस की बीमारी लिवर को खराब करती रहती है और जब बीमारी का पता चलता है तो स्थिति काफी गंभीर हो जाती है.