हेल्थ टिप्स Health Tips: लंग कैंसर के लिए केवल स्मोकिंग ही नहीं बल्कि दूसरे कारण भी जिम्मेदार होते हैं। जिसमे एनवॉयरमेंट और जेनेटिक भी शामिल हैं। हालांकि अगर फेफड़ों में दिखने वाले शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इस बीमारी से होने वाली मौत से बचा जा सकता है। अगर शरीर में इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो फौरन चेकअप करवाएं।
फेफड़ों के कैंसर में दिखते हैं ये शुरुआती लक्षण
हालांकि जरूरी नहीं कि ये लक्षण फेफड़ों के कैंसर के ही हों लेकिन इन लक्षणों के दिखने पर
doctor से चेकअप जरूरी है। क्योंकि फेफड़े के कैंसर भी काफी साइलेंट होते हैं और किसी खास असर को नहीं छोड़ते। अगर शुरुआती स्टेज में ही इसकी पहचान कर ली जाए तो इफेक्टिव इलाज की मदद से सही किया जा सकता है।अगर लगातार खांसी आ रही है और वो कभी जाती नही है बल्कि समय के साथ खांसी की स्थिति बिगड़ती जा रही।
खांसी के साथ खून आना, या फिर खांसने के बाद मटमैले खून जैसे कलर की थूक निकलना या फिर बलगम निकलना।
तेज सांस लेने पर चेस्ट में दर्द होना। ये दर्द खांसने, हंसने के दौरान भी हो सकता है।
वजन लगातार कम हो रहा है जिसका कोई खास कारण नही है।
सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
हर वक्त थका हुआ और कमजोर महसूस करते हैं।
फेफड़ों में होने वाले इंफेक्शन बार-बार हो जाते हैं। जैसे कि ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया, ये एक बार होने के बाद ठीक नहीं होते और बार बार वापस आ जाते हैं।
सांस लेने के साथ सीने में घर्र-घर्र की आवाज आना शुरू हो गई है।
आवाज भारी और कर्कश होती जा रही है दिन पर दिन।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक अगर फेफड़े का कैंसर शरीर के दूसरे हिस्से में फैल रहा है तो ये लक्षण दिखते हैं।
हड्डियों में दर्द खासतौर पर बैक और हिप की पेन।
लंग कैंसर की वजह से नर्वस सिस्टम में बदलाव हो जाते हैं। जिसकी वजह से कमजोरी, सिर दर्द, हाथ-पैर में सुन्नता की फीलिंग होती है। दौरे पड़ने लगते हैं या फिर शरीर को बैलेंस करने में दिक्कत होती है.
स्किन और आई पीली दिखने लगती है। इसका कारण है कि कैंसर की कोशिकाएं लीवर तक पहुंच गई हैं।
लिम्फ नोड में सूजन, जिसकी वजह से अक्सर गर्दन के पास की कॉलरबोन और गर्दन में सूजन हो जाती है।