डायबीटिज से लड़ने में मदद करता है चने का आटा, जाने और फ़ायदे
जाने और फ़ायदे
बेसन यानी चने का आटा। बाजार में कई तरह के आटे मौजूद होते है लेकिन स्वास्थ्य के मामले में चने का आटा यानी बेसन सबसे आगे रहता है। क्योंकि इसे उन दालों से मिलकर बनाया जाता है जिसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन (protein) और कई महत्वपूर्ण पोषण मौजूद होते है। बेसन की मिठाईयां, बेसन के पकोड़े, फेस पैक में बेसन का प्रयोग, और भी कई तरह से बेसन का प्रयोग किया जाता है। आइये जानते हैं बेसन खाने से होने वाले फायदों के बारे में।
कोलेस्ट्रॉल लेवल का नियंत्रण :
बेसन में अनसैचुरेटेड फैट्स मौजूद होता है जो हमारे स्वास्थ के लिए लाभकारी होता है। यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का संतुलन बनाये रखता है।
ह्रदय के लिए :
बेसन ह्रदय के स्वास्थ्य को भी कायम रखता है। बेसन में सोडियम (sodium) होता है जो ह्रदय की मांसपेशियों के समुचित कार्य को सुनिश्चित करता है। बेसन को बाजार में मौजूद सबसे बेहतर आटा माना जाता है और स्वास्थ्य के लिए वरदान माना जाता है।
डायबीटिज से छूटकारा :
बेसन डायबीटिज जैसी बड़ी बीमारी से भी छूटकारा दे देती है। इसका रोजाना सेवन आपको पोष्टिक आहार देता है। डायबीटिज से लड़ने में आपकी मदद करता है।
एनीमिया का उपचार :
बेसन में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। इसी कारण बेसन आयरन की कमी को पूरा करने का भी काम करता है।
वजन को संतुलित :
बेसन में डायट्री फाइबर्स (dietary fibers) भरपूर मात्रा में होते है जिसकी वजह से ये भूख को आसानी से खत्म कर देता है। जिस तरह के फैट (fat) बेसन में मौजूद होते है वो स्वास्थ्य के लिए बेहतर फैट्स माने जाते है और वो फैट (fat) कभी भी आपका वजन बढ़ने नहीं देता है।
हड्डीओं की मजबूती :
बेसन में मौजूद फॉस्फोरस हमारे शरीर में मौजूद कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों के निर्माण में मदद करता है और उन्हें मजबूती भी देता है।
प्रेगनेंसी :
बेसन में फोलेट पाया जाता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग, रीढ़ की हड्डी और बच्चे के पूर्ण विकास के लिए लाभकारी होता है, इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान इसे खाने की सलाह दी जाती है।
हमारे आस पास कई ऐसे लोग भी होते है जिन्हें गेहूं , बाजरा, जैसे अनाजों से एलर्जी होती है। वह इसको ना खाकर चने से बनी रोटियां खा सकते है। यह उनके लिए फायदेमंद तो होगा ही साथ में वह इस रोटी का सेवन कर के पोष्टिक आहार और पोषण पा सकते है।