बवासीर की समस्याओ से पाए राहत , ऐसे करे घरेलू उपाय

Update: 2024-05-22 08:15 GMT
बवासीर : एक आम बीमारी है जिसे पाइल्स या हैमोराहोइड के नाम से भी जाना जाता हैं। खाने-पीने की गलत आदतों और सुस्त जीवनशैली की वजह से बवासीर की समस्या बढ़ती ही जा रही हैं। इस बीमारी में आपके गुदा और मलाशय की नसों में सूजन पैदा हो जाती है, जिसे आपको दर्द, खुजली और कभी-कभी खून बहना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। करीब 60 फीसदी लोगों को उम्र के किसी न किसी पड़ाव में बवासीर की समस्या होती है। बवासीर उन बीमारियों में से नहीं है, जो अपने आप ठीक हो जाएँ बल्कि इसके विपरीत ये और भी बदतर भी हो जाती है। तो जितनी जल्दी हो सके इसका इलाज करना ज़रूरी होता है। ऐसे में आप आयुर्वेद और घरेलू उपायों की मदद ले सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ घरेलू उपाय जिन्हें अपनाकर आप बवासीर के मस्सों से छुटकारा पा सकते हैं।
कैस्टर ऑयल या अरंडी का तेल में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरिया और अज्वलनशील जैसे गुण होते हैं। इसलिए, इसमें पाइल्स के आकार को कम करने और इसमें होने वाले दर्द को कम करने की शक्ति होती है। इसके लिए हर रात दूध में 3ml कैस्टर ऑयल लें साथ ही आप इसे प्रभावित जगह पर भी लगा सकते हैं। कैस्टर ऑयल को प्रभावित जगह पर लगाने और इसके नियमित सेवन से बवासीर के दर्द में आराम मिलता है।
मूली बवासीर के लिए सबसे प्रभावी गृह उपचार में से एक है और बवासीर के इलाज में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। आधा गिलास मूली के रस में एक चुटकी नमक डालें। इसे दिन में दो बार पिएं। इसके अलावा शहद के साथ इसके पेस्ट को मिक्स करके दर्द और सूजन को कम करने के लिए गुदा खोलने के आसपास लगाएँ।
एक छोटे कटोरे में, 2 बड़े चम्मच ग्लिसरीन को 2 बड़े चम्मच एप्सम सॉल्ट के साथ तब तक मिलाएं, जब तक यह पेस्ट न बन जाए। पेस्ट को पैड पर रखें और इसे सीधे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। 15 से 20 मिनट के लिए पैड को अपनी जगह पर रखें। दर्द कम होने तक हर चार से छह घंटे में दोहराएं।
इसका इस्तेमाल करने से बवासीर की परेशानियों को कम किया जा सकता है। दालचीनी एसेंशियल ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो सूजन से राहत मिल सकता है। बवासीर की परेशानी होने पर दालचीनी एसेंशियल ऑयल के साथ अन्य वाहक तेल मिक्स कर लें। अब इस तेल को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे आपको काफी राहत मिल सकता है।
एलोवेरा के सूजनरोधक और चिकित्सकीय गुणों से बवासीर की जलन कम हो जाती है, और कब्ज की समस्या नहीं होती। यह आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के पाइल्स के इलाज में लाभदायक है। गुदा के बाहर के मस्सों में एलोवेरा जेल लगाएं। यह जलन और खुजली को शांत करता है। एलोवेरा के 200-250 ग्राम गूदे को खाएं। इससे कब्ज नहीं होगी और मलत्यागने में आसानी होगी।
लहसुन आपके दर्दनाक बवासीर के लिए एक आदर्श समाधान है। इसमें उत्कृष्ट सूजन को कम करने वाले, विरोधी बैक्टीरियल और कसैले गुण होते हैं। यह दर्द और सूजन को राहत देता है और शौच की प्रक्रिया को आसान बनाता है। आप रोज़ रोज कच्चे लहसुन के लहसुन खा सकते हैं या इसे सपोसिटरी के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।
किशमिश की सहायता से भी आप पाइल्स का घरेलू उपचार कर सकतें हैं। किशमिश का जूस बनाकर पिया जाये तो यह भी बवासीर में बहुत फ़ायदेमंद होता है। किशमिश की कुछ मात्रा लेकर उसे पूरी रात पानी में भिगोकर रखें और सुबह इस पानी में ही किशमिश को पीसकर पीने से बवासीर से राहत मिलती है।
बवासीर की सूजन से राहत पाने के लिए गुदा पर आइस पैक या कोल्ड कंप्रेस लगाएं। बवासीर के लिए कोल्ड कंप्रेस एक अत्यंत प्रभावी उपचार हो सकता है। एक कपड़े या तौलिये के अंदर बर्फ का टुकड़ा लपेट लें। इसे कम से कम 15 मिनट तक प्रभावित हिस्से पर रखें।
यह बैक्टीरिया को खत्म करने का गुण रखता है। यह सूजन को कम करता है। साथ ही बवासीर की अन्य परेशानी से राहत दिला सकता है। संवेदनशील स्किन वाले लोग भी टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, इस तेल को जोजोबा तेल या नारियल के तेल के साथ मिक्स करके ही अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह ऑयल ऑइंटमेंट की तरह बवासीर की परेशानी में कार्य करता है।
पपीता विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है और इसमें एक शक्तिशाली पाचन एंजाइम-पपैन होता है जो कब्ज और रक्तस्राव बवासीर का इलाज करने के लिए एक शक्तिशाली फल माना जाता है। आप अपने नाश्ते में इसे खा सकते हैं या आंत्र आंदोलन को कम करने के लिए गुदा क्षेत्र पर इसके रस को लगा सकते हैं। आप अपने सलाद में कच्चा पपीता भी शामिल कर सकते हैं।

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