बच्चे की मिट्टी खाने की आदत से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये टिप्स
पने छोटे बच्चों को कई बार छिपकर मिट्टी, चॉक या दीवार की खुरचन को खाते हुए देखा होगा. दरअसल जैसे जैसे बच्चे की ग्रोथ होती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आपने छोटे बच्चों को कई बार छिपकर मिट्टी, चॉक या दीवार की खुरचन को खाते हुए देखा होगा. दरअसल जैसे जैसे बच्चे की ग्रोथ होती है, उसके शरीर को ज्यादा पोषक तत्वों (Nutrients) की जरूरत होती है. अगर उनके शरीर की जरूरत पूरी न हो सके तो कैल्शियम, आयरन, जिंक आदि तत्वों की कमी हो जाती है. इसके कारण बच्चों को मिट्टी खाने की आदत लग जाती है. मिट्टी खाने से बच्चों के पेट में कीड़े, दर्द और इंफेक्शन हो सकता है. उनकी सेहत को बेहतर रखने के लिए इस आदत को छुड़वाना बहुत जरूरी है. अगर आपका भी बच्चा अक्सर मिट्टी खाता है, तो यहां हम आपको बताने जा रहे हैं, कुछ घरेलू उपाय (Home Remedies) जिन्हें आजमाकर आप अपने बच्चे की इस आदत को आसानी से छुड़वा सकती हैं.
केला
केले को पोषक तत्वों का भंडार कहा जाता है. केले में आयरन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसलिए अपने बच्चे की डाइट में केले को जरूर शामिल करें. उसे केला मसलकर खिला सकते हैं या अगर बच्चा बड़ा है तो सीधे तौर पर भी केला खा सकता है.
कैल्शियम युक्त आहार
शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण भी मिट्टी खाने की आदत लगती है. इस कमी को दूर करने के लिए आप दूध, दही, पनीर आदि डेयरी प्रोडक्ट्स को उनकी डाइट में शामिल करें. इसके अलावा बीन्स और हरी सब्जियां खिलाएं. इससे उनके शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी होगी.
डाइट चार्ट बनवाएं
बच्चे के शरीर में पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए आप चाहें तो किसी डाइटीशियन से मिलकर डाइट चार्ट भी तैयार करवा सकती हैं. इस डाइट चार्ट को पूरी तरह से फॉलो करें. इससे बच्चे को जल्दी फायदा होगा और उसकी ये आदत भी छूट जाएगी.
लौंग का पानी
आप चाहें तो बच्चे को लौंग का पानी भी दे सकती हैं. ये काफी कारगर साबित हो सकता है. इसके लिए आप 4 से 6 लौंग को पानी के साथ उबाल लें. अच्छी तरह से उबलने के बाद इसे ठंडा करें और इसके बाद बच्चे को ये पानी पिलाएं. इससे बच्चे को काफी लाभ मिल सकता है.
वंसलोचन
मिट्टी खाने की आदत छुड़ाने के लिए आप बच्चे को वंशलोचन भी खिला सकते हैं. ये बांस की खास किस्म से तैयार किया जाता है और तमाम औषधीय तत्वों से भरपूर होता है. शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करता है और बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाता है. लेकिन इसे खिलाने से पहले एक बार विशेषज्ञ से परामर्श जरूर कर लें.