डांट से नहीं इन तरीकों की मदद से बच्चों को समझाएं, आपकी परवरिश पर नहीं उठेंगे सवाल

आपकी परवरिश पर नहीं उठेंगे सवाल

Update: 2023-09-08 10:02 GMT
बच्चों को अच्छी बातें सिखाने के लिए यह जरूरी नहीं की उन्हे डांटा जाए, हम उन्हे प्यार से भी सिख सकते है। बल्कि, डांट से ज्यादा बच्चे प्यार से समझते है, और जो चीज आप उनसे प्यार से करवा सकते है वो डांट कर नहीं करवा सकते। इसीलिए आप अपने बच्चों को डांटने के बजाए उन्हे समझाए या फिर किसी का उदाहरण दे। आपने बच्चे को उन्हे बात ना करके, या फिर उन्हे जो चीज पसंद हो उसे ना देके भी अपनी बात मनवा सकते है। इससे साइकोलॉजिकली उन पर असर प‌ड़ता है। आइए, जानते हैं कुछ ऐसे ही पॉजिटिव पेरेंटिंग के तरीके...
बांउड्री सेट करें
बच्चों को शरारत के नाम पर मनमानी न करने दें बल्कि उनके लिए भी कुछ बांउड्री सेट करें। इससे उन्हें शुरू से पता होगा कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं। बच्चों को बताएं कि अगर वे इन बांउड्री को छोड़ते हैं, तो फिर उन्हें क्या करना चाहिए।
उन्हें समझने की कोशिश करें
आपका बच्चा अगर कोई गलत बात करता है, तो उसे मारने की बजाय यह समझने की कोशिश करें कि आखिर वह ऐसा क्यों कर रहा है? उससे पूछें कि बच्चे ने ऐसा क्यों कहा या किया है? हो सकता है कि बच्चा किसी बात को गलत तरीके से समझकर ऐसा कह रहा हो।
हमेशा सजा देना हल नहीं
कई पेरेंट ने हर गलती के लिए बच्चों के लिए सजा तय की होती है जबकि ऐसा करने से बच्चा सच कहने से डरने लग जाएगा, अगर उससे कोई गलती भी हुई है, तो बच्चा सजा के डर से इस बात को छुपाने की कोशिश करेगा।
मोरल स्टोरीज सुनाएं
बच्चों को सही गलत समझाने के लिए उन्हें कहानियां सुनाएं। इससे वे कहानियों को समझना शुरू करेगा। बच्चों की ग्रोथ के लिए अच्छी फिल्में नहीं बल्कि अच्छी किताबें ज्यादा जरूरी हैं।
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