यूरिन या पेशाब इंसान की सेहत का राज बता सकती है इसलिए कुछ मेडिकल कंडिशन में डॉक्टर्स यूरिन टेस्ट की सलाह देते हैं. यूरिन का रंग, यूरिन की फ्रिक्वेंसी और यूरिन में झाग आने जैसी हर चीज से सेहत का पता लगाया जा सकता है. हाल ही में डॉक्टर ने बताया है कि जो महिलाएं गलत तरीके से यूरिन करती हैं, उन्हें भविष्य में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. हर महिला को सही तरह से पेशाब करना चाहिए ताकि आगे चलकर सेहत भी सही रहे और कोई परेशानी भी ना आए.
अमेरिका की महिला पेल्विक डिसफंक्शन एक्सपर्ट और योनि रोग विशेषज्ञ (वजाइनाकोलोजिस्ट) डॉ. टेरेसा इरविन (Dr. Teresa Irwin) के मुताबिक, ब्लैडर हेल्थ के साथ-साथ ओवरऑल हेल्थ को सही रखने के लिए पेशाब करने की पांच ट्रिक्स कौन सी हैं, यह भी जान लीजिए.
1. अच्छी चीजें खाएं
डॉ. टेरेसा इरविन के मुताबिक, मूत्राशय की जलन से बचने के लिए ऐसी चीजों को खाने से परहेज करें जो जलन का कारण बनते हैं. कॉफी, कार्बोनेटेड ड्रिंक, आर्टिफिशिअल स्वीटनर और शराब ब्लैडर हेल्थ के लिए अच्छे नहीं माने जाते और ये जलन का कारण भी बन सकते हैं. मैं यह नहीं कह रही हूं कि आपको इन सभी ड्रिंक को छोड़ देना है. बस मेरा कहना यह है कि इन चीजों को बैलेंस करके खाएं और खूब सारा पानी पिएं.
2. यूरिनेशन के सिग्नल को ना रोकें
कोई भी महिला सामान्य रूप से एक दिन में चार से सात बार यूरिन के लिए जाती है. अब अगर किसी महिला को यूरिन के लिए जाना है लेकिन किसी कारण से वो अपने आपको रोक लेती हैं. ऐसे में दिमाग में यूरिन के लिए जो सिग्नल आ रहे हैं वे उन्हें अनदेखा करती हैं. अगर ऐसा लंबे समय तक करती हैं तो दिमाग सिग्नल देना बंद कर देगा कि आपको कब यूरिन के लिए जाना है.
3. सही स्थिति और समय
डॉ. इरविन के मुताबिक, यूरिन करने के लिए जल्दबाजी ना करें. सही स्थिति में बैठें और पूरा एक मिनट का समय दें. कई महिलाएं ब्लैडर को पूरी तरह खाली करने में समय नहीं लेतीं. अगर ऐसा करते हैं तो ब्लैडर के अंदर भरी हुई यूरिन तेज प्रेशर के कारण आसपास के मसल्स पर दबाव डालेगी.
कुछ महिलाएं टॉयलेट सीट पर बैठकर यूरिन करती हैं जिससे कुछ यूरिन ब्लैडर में ही रह जाती हैं. पूरी तरह से यूरिन करने के लिए टॉयलेट सीट पर बैठकर अपनी कोहनी को घुटनों के ऊपर रखते हुए आगे की ओर झुकें. इससे ब्लैडर खाली हो जाएगा.
4. छींकते समय कॉन्ट्रैक्ट करें
छींकते समय पेल्विक मसल्स पर कॉन्ट्रेक्शन होता है. जिससे पेल्विक फ्लोर मसल्स मजबूत होते हैं. हमेशा ध्यान रखें जब भी छींक आए तो पेल्विक मसल्स को टाइट करें.
5. पेल्विक मसल्स एक्सरसाइज
सेक्रम और कोक्सीक्स, पेल्विक मसल्स के आसपास के हिस्से को सपोर्ट देती हैं जो आंतरिक प्रजनन अंगों, मूत्राशय और पाचन तंत्र के निचले हिस्से की रक्षा करता है. पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां, पेल्विक बोन के अंदरूनी हिस्से का बाहरी किनारा बनाती हैं इसलिए पेल्विक मसल्स को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज करनी चाहिए. इसके लिए वेट ट्रेनिंग और पेल्विक एक्सरसाइज करनी चाहिए.