अल्जाइमर बीमारी से बचे रहने के लिए रोज़ाना करें व्यायाम...जाने करने का सही तरीका

बढ़ती उम्र के साथ हमारी सोचने और याद करने की क्षमता भी कमजोर होती जाती है।

Update: 2021-04-21 06:19 GMT

बढ़ती उम्र के साथ हमारी सोचने और याद करने की क्षमता भी कमजोर होती जाती है। मानव मस्तिष्क में एक सौ अरब कोशिकाएं (न्यूरॉन) होती हैं, जो एक-दूसरे के साथ नेटवर्क बनाती हैं। इस नेटवर्क का काम सबसे विशेष होता है जो हमें सुनने, देखने, सूंघने आदि में मदद करता है। अल्जाइमर बीमारी इन कोशिकाओं को कमजोर बना देती है। एक शोध के मुताबिक, अगर व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है तो उसके मस्तिष्क में नर्व फाइबर्स में तेजी से गिरावट आने लगती है। जिससे बचने का सरल उपाय है नियमित व्यायाम।

शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने से मानसिक सेहत में सुधार आता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन लोगों का शरीर तंदुरुस्त है उन्हें अल्जाइमर का खतरा नहीं होता। रोज़ाना योग करने से न सिर्फ तन-मन को स्वस्थ रखा जा सकता है बल्कि कई बीमारियों से भी बचा जा सकता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि नियमित रूप से व्यायाम शरीर की सारी क्रियाओं को चलाने, सेहत को बेहतर बनाने और महत्वपूर्ण नर्व फाइबर्स की गिरावट रोकने में मदद करता है। व्यायाम बढ़ती उम्र और एजिंग प्रक्रिया को भी धीमा कर देता है।

डॉक्टर्स का मानना है कि नियमित व्यायाम सेहत के लिए लाभदायक होता है। नियमति योग करने से न सिर्फ याददाश्त तेज होती है बल्कि कई बीमारियो को भी रोका जा सकता है। यह उम्र की सीमा को भी बढ़ाता है और मानसिक रूप से तंदुरुस्त रखता है।
किस तरह के व्यायाम हैं फायदेमंद?
व्यायाम किसी भी तरह का हो, हर तरीके से फायदेमंद ही होता है लेकिन अपनी बॉडी के हिसाब से वर्कआउट करें क्योंकि बहुत ज्यादा थकाने वाली एक्सरसाइज़ मानसिक सुकून देने की जगह जगह-जगह दर्द के चलते परेशान कर सकती है इसलिए अपनी स्ट्रेंथ के हिसाब से योग, कार्डियो का चुनाव करें और सबसे जरूरी बात कि प्राणायाम जरूर करें। कपालभाति, भ्रामरी, अनुलोम-विलोम ये सभी शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं।


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