हाई BP और डायबिटीज से भी छुटकारा दिलाता है 'सदाबहार' का पौधा
अंग्रेजी में मेडागास्कर पेरिविंकल, हिंदी में 'सदाबहार' (Sadabahar) या 'सदपुष्पा' तो बंगाली में 'नयनतारा' वहीं मलयालम में 'उषामलारी' नाम का यह चमत्कारी पौधा आज हर्बल एक्सपर्ट्स के साथ-साथ आधुनिक चिकित्सा जगत में भी बड़ा मशहूर है.
अंग्रेजी में मेडागास्कर पेरिविंकल, हिंदी में 'सदाबहार' (Sadabahar) या 'सदपुष्पा' तो बंगाली में 'नयनतारा' वहीं मलयालम में 'उषामलारी' नाम का यह चमत्कारी पौधा आज हर्बल एक्सपर्ट्स के साथ-साथ आधुनिक चिकित्सा जगत में भी बड़ा मशहूर है. पहले इसकी उपलब्धता मूल रूप से मेडागास्कर में थी पर धीरे-धीरे ये पौधा अब पूरी दुनिया में मिल जाता है. इसके फूल कई रंगों के होते हैं. इसका फूल गहरा गुलाबी और बैंगनी रंग का होता है या फिर एकदम दूधिया सफेद जैसा भी होता है. इसका इस्तेमाल कई प्रकार से किया जा सकता है.
सदाबहार के फायदे
इस सदाबहार के फूल के सेहत से जुड़े कई फायदे होते हैं. आइए एक-एक कर जानते हैं इसके चमत्कारी गुण. यह पौधा कैंसर की बीमारी यानी उसके विकास के जोखिम को कम करने के अलावा, मधुमेह यानी डाइबिटीज पर कंट्रोल रखता है. गले में खराश होने पर भी इससे बनाई गई दवा लेने से आराम आता है. वहीं फेफड़ों में फैले इन्फेक्शन या बलगम का जमाव भी इससे दूर हो जाता है. वहीं आपकी त्वचा में भी मौजूद किसी भी तरह के संक्रमण और आंखों में जलन समेत और भी कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाता है.
कैसे करें इस्तेमाल?
इसके फायदों को जानने वाले लोग इसके ताजे तोड़े गए पत्तों को चबाकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं. वहीं इसके पत्तों को पानी में उबालकर छान कर पिया जा सकता है. इसी तरह इसके पत्ते और फूल के रस का सेवन करने के साथ ये पाउडर के रूप में बाजार में मिल जाता है. जिसके सेवन से कई बीमारियों से बचा जा सकता है.
डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल- सदाबहार की जड़ों में रक्त शर्करा को कम करने का गुण मौजूद होता है. ये पैंक्रियास की बीटा सेल्स को ताकत देता है, जिस से पैंक्रियास सही मात्रा से इन्सुलिन निकालने लगती है. इन्सुलिन ही वो हॉर्मोन है जो ब्लड में शुगर की मात्र को संतुलित करके रखता है.
श्वसन तंत्र के उपचार में उपयोगी- सदाबहार के फूलों में सक्रिय तत्व ब्रोंकाइटिस, सीओपीडी, अस्थमा, खांसी और सर्दी के लक्षणों के लिए सर्वोत्तम उपचार प्रदान करते हैं. इसके अलावा इसका फायदा हमारी सांसों के रास्ते में मौजूद इन्फेक्शन या बलगम के जमाव को निकालने में मददगार है. इसके इस्तेमाल से गले में खराश और खांसी से भी राहत मिलती है वहीं शरीर में बलगम नहीं बनता.
हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी में आराम- सदाबहार की जड़ में अजमलिसिन और सर्पटाइन नामक तत्व पाए जाते हैं. इसके कुछ गुण हाई बीपी पर कंट्रोल रखने के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इसकी जड़ को साफ करके सुबह चबाकर के खाने से हाई ब्लड प्रेशर में काफी आराम मिलता है.
पेट के लिए रामबाण फायदा- कहते ही आधे से ज्यादा बीमारी पेट की समस्या से जुड़ी होती हैं. ऐसे में सदाबहार की जड़ का उपयोग पेट की सेहत को बनाए रखने के लिए भी किया जाता है. जिन लोगों को कब्ज रहता है या फिर पेट के अन्य रोग परेशान करते हैं, उनके लिए तो यह पौधा बड़ा ही लाभदायक होता है.
मुंह व नाक से खून निकलना - इसका एक नाम विंका भी है विंका का उल्लेख ब्रिटेन के चिकित्सा जगत में भी कई साल पहले हुआ है. कल्पचर नामक ब्रिटिश औषधी विशेषज्ञ ने मुंह व नाक से खून निकलने इसके प्रयोग की सलाह दी थी. वहीं कहा जाता है कि लॉर्ड बेकन ने भी शरीर के अंगों की जकड़न में इसके इस्तेमाल को लाभदायक और गुणकारी बताया था. वहीं वैसे स्कर्वी, अतिसार, गले में दर्द, टांसिल्स में सूजन, रक्तस्नव आदि में भी यह लाभदायक होता है.