खाने के स्वाद को बढ़ाएं इन lesser known रिजनल मसालों से

lesser known रिजनल मसालों से

Update: 2023-09-12 13:10 GMT
भारत के गांव और राज्यों में अलग-अलग तरह की चीजें प्रसिद्ध है, जिससे बहुत से लोग परिचित नहीं होंगे। भारतीय भोजन के स्वाद को समृद्ध और खास बनाने के लिए यहां अलग अलग तरह के मसाले का उपयोग किया जाता है। इन मसालों में ऐसे कई मसाले हैं जिससे सभी परिचित नहीं हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे रिजनल मसालों के बारे में बताएंगे जिससे हर कोई परिचित नहीं है।
भाजा मसाला
सौंफ, तेज पत्ता, धनिया और लाल मिर्च के सुगंधित मिश्रण से तैयार यह भाजा मसाला, घुघनी और कोशा जैसे बंगाली शाकाहारी व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
गोदा मसाला
दालचीनी, लौंग और नारियल के सुगंधित और समृद्ध स्वाद के साथ यब पारंपरिक महाराष्ट्रीयन करी और चावल के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चावल के साधारण स्वाद में खुशबू और स्वाद के लिए इस महाराष्ट्रीयन गोदा मसाले का इस्तेमाल किया जाता है।
शा मचल
यह एक मणिपुरी मसाला है, जिसे धनिया, काली मिर्च, इलायची, जायफल, जावित्री, जंगली संतरा और दूसरे मसालों के मिश्रण से इस मसाले को बनाया जाता है। आमतौर पर इसका उपयोग मांस को स्वादिष्ट बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
पोटली मसाले
काली मिर्च, सौंफ, और स्टार ऐनीज़ जैसी साबुत मसाले और जड़ी-बूटियों के मिश्रण से इस हैदराबादी मसाले को बनाया जाता है। इसका उपयोग पकी हुई बिरयानी और मांसमें स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।
बफत मसाला
सरसों के बीज, लौंग और मेथी का यह सुगंध और स्वाद का स्वादिष्ट मिश्रण है। यह बफत मसाला पोर्क और चिकन बनाने के लिए यूज किया जाता है, मंगलोरियन व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
नल्लम करम पोदी
भुनी हुई दाल, सूखी मिर्च और करी पत्ते के स्वाद से भरपूर यह मसाला साउथ इंडिया (साउथ इंडिया टूरिस्ट प्लेस) में बहुत लोकप्रिय है। इस मसाले का उपयोग मसाला डोसा, इडली जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजनों में अलग स्वाद और तीखापन जोड़ने के लिए किया जाता है।
कैफ्रियल मसाला
हरी मिर्च, अदरक और लहसुन से तैयार यह कैफ्रियल मसाला अपने मसालेदार स्वाद से भरपूर समुद्री और दूसरे नॉनवेज भोजनके स्वाद और खुशबू को बढ़ाने के लिए गोआ में उपयोग किया जाता है।
पंच फोरन
इससे ज्यादातर सभी लोग परिचित होंगे। आमतौर पर इसका उपयोग बंगाल में पांच अलग-अलग साबुत मसालों का उपयोग भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें काली सरसों, मेथी, जीरा, कलौंजी और सौंफ के बीज का उपयोग किया जाता है।
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