लहसुन का प्रयोग भारत में बहुत पहले से चला आ रहा है। यह दाल व सब्जी में प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग औषधि को बनाने में किया जाता है। लहसुन अनेक औषधीय गुणों की खान हैं। लहसुन का सेवन बारह महीने ही अच्छा माना जाता है, लहसुन के एक कली रोजाना खाने से शरीर को कई तरह के लाभ होते हैं। लहसुन एक शक्तिशाली प्राकृतिक एण्टीबायोटिक, एन्टी-फंगल, और एन्टी बैक्टीरियल हर्ब है। उम्र के साथ होने वाले शारीरिक परिवर्तनों को कम करने आदि सभी रोगों को ठीक करने में सहायता करता है। साथ ही यह एक बेहतरीन दर्दनाशक भी है। इससे आप अनेक भयंकर बीमारियो से बचे रहेंगे। चलिए आज जानते हैं लहसुन के कुछ ऐसे ही गुणों के बारे में।
* दांतों में :
दांतों में कीडे़ लगने या दर्द होने पर लहसुन के रस को लगाने से दर्द दूर होता है। लहसुन की कली दांत के नीचे रखकर उसका रस चूसने से दर्द जल्दी दूर होता है। लहसुन को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर आग पर गर्म करें। लहसुन जल जाने पर तेल को ठंडा करके छान लें। इस तेल में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर रोजाना मंजन करें। इससे दांतों के सभी प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं। लहसुन को आग पर सेंककर दांतों के नीचे दबाकर रखें। इससे दांतों को दर्द ठीक हो जाता है।
* कॉलेस्ट्रॉल :
कॉलेस्ट्रॉल की समस्या से परेशान लोगों के लिए लहसुन का नियमित सेवन अमृत साबित हो सकता है।लहसुन में एंटीक्लोटिंग गुण होते है जो खून को पतला करने में सहायक होते हैं और शरीर में खून के थक्के बनने से रोकते है। इससे चोट लगने के बाद, खून बहने का डर भी नहीं रहता है।
* कान में दर्द :
कान में दर्द होने या मैल से जाम होने की सिथ्ती में सरसों के तेल या तिल के तेल में लहसुन की कलियाँ डालकर गर्म कर लें, जब लहसुन जल जाये तो इसको नीचे उतार लें इसके बाद इसको ठंडा होने पर किसी छलनी से छानकर एक दो बूंदे कान में डाल लें।
* फेफड़ों की टीबी :
लहसुन के प्रयोग से कफ गिरना कम होता है। यह रात को निकलने वाले पसीने को रोकता है, भूख बढ़ाता है और नींद अच्छी लाता है। फेफड़ों में क्षय (टी।बी) होने पर लहसुन के रस में रूई तर करके सूंघना चाहिए ताकि श्वास के साथ मिलाकर इनकी गन्ध फेफड़ों तक पहुंच जाए। इसे बहुत देर तक सूंघते रहने से लाभ होता है। खाना खाने के बाद भी लहसुन का सेवन करना चाहिए। यक्ष्मा, ग्रिन्थक्षय और हड्डी के क्षय में लहसुन खाना बहुत ही फायदेमंद है।
* मर्दाना ताक़त :
लहसुन नियमित सेवन करने से मरदाना ताक़त भी बढ़ती हैं, अपने उत्तेजना भर देने वाले गुणों के कारण कमज़ोर हो चुकी इन्द्रियों में जोश भर देता हैं लहसुन।