ज्यादा काढ़ा पीना शरीर को कर सकता है नुकसान, जानिए कितना सेवन करना फायदेमंद
Covid-19 के प्रकोप से बचने के लिए डॉक्टर शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाने की सलाह देते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| Covid-19 के प्रकोप से बचने के लिए डॉक्टर शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाने की सलाह देते हैं. मेडिकल स्टोर में मिलने वाली दवाइयों के अलावा लोग भारत में कई तरह के घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल कर रहे है. हमारे देश में हजारों साल से स्वस्थ रहने के लिए घर पर ही आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें सबसे ज्यादा प्रचलित घर पर बना काढ़ा है, जिसे आम तौर पर जुकाम या खांसी होने पर लिया जा है.
वहीं जब से इस जानलेवा वायरस ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया है काढ़े का चलन काफी बढ़ गया है. कई तरह की औषधियों से बने काढ़े का सेवन करने से स्वास्थ्य ठीक रहता है और इसकी सलाह बड़े बुजुर्ग सालों से देते आ रहे हैं. लेकिन एक नए शोध के अनुसार जरूरत से ज्यादा काढ़ा पीना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. यहां तक की गलत मात्रा में बना काढ़ा शरीर के कुछ अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है.
कोविड महामारी थमने का नाम नहीं ले रही है और आए दिन वायरस के नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं. इसी वजह से लोगों के बीच काढ़े का सेवन बढ़ा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सभी तरह से खड़े मसालों का काढ़े के सेवन से बचना चाहिए, खास तौर पर जो मसाले तेज हो. ज्यादा तेज औषधियां शरीर में किडनी और लीवर पर बुरा असर डाल सकती है. जो व्यक्ति पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उसे काढ़े के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.
कैसा हो काढ़े का मिश्रण
काढ़ा बनाने के लिए तुलसी, गिलोय, हल्दी, काली मिर्च, अदरक, लौंग, नींबू, अश्वगंधा, इलायची और दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा देश भर के प्रख्यात वैद्यों के परामर्श से जारी आधिकारिक दिशानिर्देशों के अनुसार, तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, शुंठी (सूखी अदरक) और मुनक्का (किशमिश) से बने काढ़े का सेवन दिन में एक या दो बार ही करना चाहिए. स्वाद के लिए चीनी की जगह गुड़ मिला सकते हैं. कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए दिन में एक बार एक चम्मच च्यवनप्राश लेना भी फायदेमंद साबित होगा.
कोविड महामारी थमने का नाम नहीं ले रही है और आए दिन वायरस के नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं. इसी वजह से लोगों के बीच काढ़े का सेवन बढ़ा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सभी तरह से खड़े मसालों का काढ़े के सेवन से बचना चाहिए, खास तौर पर जो मसाले तेज हो. ज्यादा तेज औषधियां शरीर में किडनी और लीवर पर बुरा असर डाल सकती है. जो व्यक्ति पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उसे काढ़े के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.
कैसा हो काढ़े का मिश्रण
काढ़ा बनाने के लिए तुलसी, गिलोय, हल्दी, काली मिर्च, अदरक, लौंग, नींबू, अश्वगंधा, इलायची और दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा देश भर के प्रख्यात वैद्यों के परामर्श से जारी आधिकारिक दिशानिर्देशों के अनुसार, तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, शुंठी (सूखी अदरक) और मुनक्का (किशमिश) से बने काढ़े का सेवन दिन में एक या दो बार ही करना चाहिए. स्वाद के लिए चीनी की जगह गुड़ मिला सकते हैं. कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए दिन में एक बार एक चम्मच च्यवनप्राश लेना भी फायदेमंद साबित होगा.