काढ़ा पीने से सेहत को फायदे के साथ नुकसान भी हो सकता हैं, जाने

कोरोना के नए वेरियंट ओमिक्रॉन के कारण संक्रमितों की संख्या में एक बार फिर से इजाफा हो गया है। ऐसे में लोगों ने एक बार फिर अपना ध्यान रखना शुरू कर दिया है और समय-समय पर गर्म पानी और काढ़े को पीना शुरू कर दिया है।

Update: 2022-01-11 03:30 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना के नए वेरियंट ओमिक्रॉन के कारण संक्रमितों की संख्या में एक बार फिर से इजाफा हो गया है। ऐसे में लोगों ने एक बार फिर अपना ध्यान रखना शुरू कर दिया है और समय-समय पर गर्म पानी और काढ़े को पीना शुरू कर दिया है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इसके प्रयोग में सावधानी न बरती जाए तो यह पित्त समेत कई परेशानियां बढ़ा सकता है। ऐसे में आज जानते हैं काढ़ा बनाते समय किन बातों का रखें ध्यान और क्या हो सकती हैं परेशानी।

आधा पानी रहने तक उबालें
वैसे काढ़ा सभी को बनाना आता है। लेकिन फिर भी कई लोगों का काढ़ा काफी पनीला होता है, क्योंकि वह अधिक पानी का इस्तेमाल करते हैं। तो काढ़ा बनाते समय इस बात का ध्यान रखें की बर्तन में कम पानी रखें और जरूरी चीजों को मिलाने के बाद उसे तब तक उबालें जब तक पानी की मात्रा आधी न रह जाए।
इम्यूनिटी बढ़ाता है
बचपन से ही दादी-नानी सर्दी जुकाम में काढ़ा पीने की सलाह देती आईं हैं। किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए हमारी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी चाहिए। चाहे सर्दी-जुकाम हो या फिर कोरोना। इम्यूनिटी बढ़ाने में लंबे समय से घर में प्रयोग होने वाले लौंग, हल्दी, अदरक, दालचीनी, जायफल आदि का इस्तेमाल काढ़ा बनाने में किया जाता रहा है।
कितना गाढ़ा रखें
विशेषज्ञों का कहना है कि काढ़े की मात्रा और उसे कितना पतला या गाढ़ा होना चाहिए, यह हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है। पाचन शक्ति कमजोर है तो काढ़ा ज्यादा पीने से मुंह के छाले, एसिडिटी, पेशाब आने में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बीच-बीच में बंद कर दें
काढ़ा बनाने में लोग अक्सर काली मिर्च, दालचीनी, हल्दी, अश्वगंधा, गिलोय और सोंठ का इस्तेमाल करते हैं। ये चीजें शरीर को गर्म कर देती हैं। इसलिए अगर दिक्कत महसूस हो तो बीच-बीच में इसको पीना बंद कर देना चाहिए।
संतुलित रखें मात्रा
काढ़ा बनाने में जिन चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनकी मात्रा में संतुलन रखें। अगर काढ़ा पीने के बाद परेशानी हो तो दालचीनी, काली मिर्च, अश्वगंधा और सोंठ की मात्रा कम कर दें।
ज्यादा पीने पर सामने आ सकती हैं ये दिक्कत
- बीपी और नाक से जुड़ी समस्याओं के मरीजों में नाक से खून आ सकता है।
- ज्यादा काढ़ा पीने से मुंह के अंदर दाने हो सकते हैं, जो बाद में छाले का रूप ले सकते हैं।
- एसिडिटी की परेशानी हो सकती है। अगर ज्यादा समय तक ये परेशानी हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- ज्यादाखट्टी डकारें आने पर सावधानी बरतनी चाहिए।
- पेशाब करते समय जलन महसूस हो सकती है।


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