क्या आप भी करती हैं फॉल्स आईलैशेज का इस्तेमाल, यहां जानें इससे जुड़ी जरूरी जानकारी

यहां जानें इससे जुड़ी जरूरी जानकारी

Update: 2023-09-09 11:06 GMT
अपने चेहरे को आकर्षक और सुंदर दिखाने के लिए महिलाएं कई तरह के मेकअप टिप्स आजमाती हैं, जिसका एक हिस्सा फॉल्स आईलैशेज अर्थात नकली पलकें भी हैं। चाहे कोई शादी हो या पार्टी मेकअप के दौरान नकली आईलैशेज लगाना बेहद आम हो गया हैं। यह हमारी आंखों को बड़ा और अट्रैक्टिव दिखाने का काम करती है। अगर आप भी इसका इस्तेमाल करती हैं या करना चाहती हैं, तो आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं फॉल्स आईलैशेज से जुड़ी जरूरी जानकारी के बारे में कि किस तरह इसे लगाना हैं और इस्तेमाल के दौरान कौनसी सावधानियां रखनी हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...
ग्लू आईलैशेज या मैग्नेटिक आईलैशेज
बाजार में दो तरह के फॉल्स आईलैशेज आते हैं। ग्लू वाले और मैग्नेटिक लैशेज। ग्लू लैशेज सस्ते तो होते हैं, लेकिन ये लॉन्गलास्टिंग नहीं होते। साथ ही इन्हें लगाना भी मुश्किल होता है। यदि ग्लू सही से न लगे तो ये उखड़ जाते हैं या लैशेज अलग से लगे हुए भी नजर आते हैं। वहीं, मैग्नेटिक लैशेज लगाने में बेहद आसान होते हैं और इन्हें बार-बार यूज किया जा सकता है। ये थोड़े महंगे होते हैं, लेकिन सुविधाजनक होने से इनकी कीमत खलती नहीं। इन्हें लगाने के लिए ग्लू की जरूरत नहीं होती। बस ओरिजनल लैशेज पर मस्कारा लगाकर इसे लगाया जाता है और इसके मैग्नेट्स को अच्छी ग्रिप मिल जाती है। ये लॉन्गलास्टिंग होता है और जब तक इन्हें उतारा न जाए ये अपनी जगह पर फिक्स रहते हैं।
नकली आईलैश लगाने का तरीका
अगर आप सिर्फ 2-3 चीजों का ध्यान रखेंगे तो नकली आईलैश लगाना आपके लिए बहुत आसान काम होगा। आर्टिफिशल आईलैश लगाने से पहले जरूरी है कि आप अपनी पलकों को अच्छी तरह से साफ कर लें। नकली पलके लगाने से पहले ध्यान रहे कि आपकी नेचुरल पलकों पर किसी भी तरह की गंदगी नहीं रहनी चाहिए। अब आप नकली आईलैश के टॉप पर ग्लू लगाएं और अब इसे अपनी नेचुरल पलकों के एकदम ऊपर लगाएं, जहां से वह शुरू होती हैं। दोनों आंखों पर आपको एक ही तरीका फॉलो करना है। अब मशकारा लें और नकली पलकों पर लगाकर इन्हें सेट करें। इसके बाद आईलाइनर लगाने का स्टेप होता है जो यह सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान आप लिक्विड आईलाइनर का ही यूज करें। आईलाइनर आपको इस तरह लगाना है कि नकली और असली में फर्क न दिखें। अगर ऐसा होता है तो आप लाइनर को थोड़ा मोटा भी कर सकती हैं। आपको बता दें कि यह प्रक्रिया बहुत ही आसान है। आपको बस थोड़ी गंभीरता और ध्यान से इस काम को करने की जरूरत होती है।
करें सही ग्लू का चुनाव
असल में आंखों पर नकली आईलैशेस लगाने के लिए एक तरह के ग्लू का उपयोग किया जाता है, जिससे कभी-कभी आंखों और पलकों की त्वचा में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। जिन लोगों को स्किन एलर्जी होती है उन्हें इसे लगाने से बचना चाहिए नहीं तो उनकी स्किन में खुजली, जलन ,दाने आना जैसी समस्याएं शुरू हो सकती। इसके अलावा जो गोंद आईलैशेस के साथ मिलता है, उसकी जगह आप अलग से किसी अच्छे ब्रांड के ग्लू पैकेट खरीद कर उसे इस्तेमाल कर सकती हैं।
फॉल्स लैशेज उतारते समय रखें यह सावधानी
ग्लू फॉल्स आईलैशेज को हमेशा गीले कॉटन से नम करके उतारें। एक बार यूज होने के बाद दोबारा यूज न करें। वहीं मैग्नेटिक फॉल्स आईलैशेज को आप सूखे हाथों से उतारें और संभाल कर रखें, क्योंकि इन्हें आप दोबारा पहन सकती हैं। कोशिश करें कि लैशेज लगाकर मुंह धोने से बचें। क्योंकि इससे आंखों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है।
फॉल्स आईलैशेज से होने वाले नुकसान
झड़ सकते हैं पलकों के बाल
नकली आईलैशेज लगाने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से आंखों में संक्रमण और एलर्जी जैसी समस्या शुरू हो सकती है। इसके इस्तेमाल से पलकों पर तनाव बड़ सकता है क्योंकि कुछ आईलैशेज बहुत भारी होती हैं। इस वजह से पलक के बाल झड़ने लग जाते हैं। वहीं कुछ लोगों के पलकों को बाल इतने हल्के होते हैं कि नकली आईलैशेज लगाने से वह झड़ जाती हैं। ऐसे में कोशिश करनी चाहिए कि नकली आईलैशेज का इस्तेमाल कम से कम किया जाए।
संक्रमण और एलर्जी
नकली आईलैशेज लगाने से आंखों में संक्रमण और एलर्जी की समस्या भी हो सकती है क्योंकि इसे आंखों पर एक प्रकार के ग्लू से चिपकाया जाता है। कुछ लोगों को आंखों पर यह ग्लू लगाते ही जलन शुरू हो जाती है।
आंखों की रोशनी पर पड़ सकता है असर
नकली आईलैशेज लगाने से न सिर्फ आंखों के बाहरी हिस्से पर प्रभाव पड़ता है बल्कि आंखों की रोशनी भी बहुत हद तक प्रभावित होती है। यही कारण है कि नकली आईलैशेज को कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
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