कहीं आप भी तो गलत करवट लेकर नहीं सोते,जानें क्या है सही स्लीपिंग पोजीशन

Update: 2024-05-12 09:30 GMT
लाइफस्टाइल : सोते वक्त हमारी बॉडी रिलैक्स करती है और रिकवर करती है, इसलिए सोना हमारे स्वास्थ के लिए एक बेहद अहम क्रिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप किस तरह सोते हैं, इसका भी प्रभाव आपकी सेहत पर पड़ता है। जी हां, Sleeping Position आपकी सेहत पर असर डालती है। इसलिए यह सिर्फ आपके आराम के अनुसार नहीं बल्कि, आपकी सेहत से जुड़ी समस्याओं के अनुसार भी चुनना चाहिए। इस आर्टिकल में हम इस बारे में और गहराई से जानने की कोशिश करेंगे कि आपके लिए किस स्लीपिंग पोजीशन में सोना सही रहेगा।
हम जिस पोजीशन में सोते हैं, उसका प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ता है। हर Sleeping Position के अपने फायदे और नुकसान हैं, जैसे कुछ लोग दाईं ओर करवट लेकर सोना पसंद करते हैं, तो वहीं कुछ लोग पेट के बल सोना पसंद करते हैं। ऐसे ही हर व्यक्ति की सोते समय अलग पोजीशन में सोने की आदत होती है, जिसमें वे आराम महसूस करते हैं। हालांकि, इन स्लीपिंग पोजीशन के फायदे और नुकसान जानकर हम अपनी सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से राहत पा सकते हैं।
बाईं ओर करवट लेकर सोना
बाईं ओर सोने से खराब पाचन और एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याओं से बचने में मदद मिलती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पेट एसोफेगस के नीचे मौजूद होता है। इसलिए इस ओर करवट लेकर सोने से खाना पचाने में मदद मिलती है और खाना एसोफेगस में दोबारा नहीं जाता। इस ओर प्रेग्नेंट महिलाओं या एसिड रिफ्लक्स, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स और आंत से जुड़ी अन्य समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों को सोना चाहिए। इससे उनका खाना बेहतर तरीके से पचाने में मदद मिलेगी।
दाहिनी ओर करवट लेकर सोना
जैसे बाईं ओर करवट लेकर सोना पाचन के लिए अच्छा है, वैसे ही दाईं ओर सोना दिल के लिए फायदेमंद है। दाईं ओर करवट लेकर सोने से दिल पर दबाव कम पड़ता है, जो दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारा दिल बाईं ओर होता है ओर इस ओर सोने से दिल पर दबाव ज्यादा पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस तरफ सोने से दिल पर ग्रेविटी का असर ज्यादा होता है, लेकिन दाईं ओर सोने पर फेफड़ों के टिश्यू और अन्य शारीरिक संरचना की वजह से दिल पर कम दबाव पड़ता है।
दाईं ओर करवट लेकर सोने से अल्जाइमर का खतरा भी कम होता है। दरअसल, इसके पीछे कारण यह है कि जब हम सोते हैं, तब दिमाग में मौजूद ग्लाइम्फैटिक सिस्टम, न्यूरॉन्स से निकलने वाले टॉक्सिन्स को साफ करती है। अगर यह टॉक्सिन्स दिमाग से साफ न किए जाए, तो अल्जाइमर और अन्य न्यूरोडिजेनेरेटिव डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए यह प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण होती है। कई शोध में यह पाया गया है कि दाईं ओर करवट लेकर सोने से यह प्रक्रिया ज्यादा बेहतर होती है। इसलिए इस ओर सोने से अल्जाइमर से भी बचाव होता है।
पीठ के बल सोना
पीठ के बल सोने से गर्दन और पीठ के दर्द से आराम मिलता है। इसलिए अगर आपकी पीठ में या गर्दन में दर्द है, तो पीठ के बल सोएं। इससे आपकी गर्दन और पीठ को सहारा मिलता है।
पेट के बल सोते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
पेट के बल सोते समय आपकी गर्दन और पीठ पर दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से उनमें दर्द हो सकता है। इसके कारण रीढ़ की हड्डी भी झुक सकती है। इसलिए ऐसे सोते वक्त गर्दन के नीचे तकिए का इस्तेमाल न करें, लेकिन पीठ के निचले हिस्से को सहारा देने के लिए एक तकिया रख सकते हैं।
पेट के बल सोने के कुछ फायदे हैं, जैसे खर्राटे कम होते हैं और फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, लेकिन इसकी वजह से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। पेट के बल सोने से चेहरे पर दबाव पड़ता है, जिसके कारण झुर्रियां भी आ सकती हैं।
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