ये 3 योगासन रोजाना करें, रहेंगी 60 साल तक निरोगी

Update: 2023-09-04 14:55 GMT
लाइफस्टाइल: महिलाएं घर और बाहर की जिम्‍मेदारियों में इतना उलझी रहती हैं कि अपनी सेहत के साथ समझौता करने लगती हैं। ऐसे में वह अपनी डाइट और लाइफस्‍टाइल पर ध्‍यान नहीं दे पाती हैं। इससे उनके मानसिक और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर पड़ता है।
बढ़ती उम्र में महिलाओं को कई तरह के बदलावों से गुजरना पड़ता है, जिससे शरीर कमजोर होने लगता है और कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। इसलिए महिलाओं को रोजाना थोड़ा-सा समय निकालकर खुद की देखभाल करनी चाहिए।
आज हम आपको 3 ऐसे योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जिन्‍हें रोजाना करने से महिलाएं बढ़ती उम्र में हर रोग को खुद से दूर रख सकती हैं। इन योगासन की सबसे अच्‍छी बात यह है कि इसे आप आसानी से घर पर कर सकती हैं और इनके बारे में हमें योग एक्‍सपर्ट हरिता अग्रवाल बता रही हैं।
मलासन
इसे करने के लिए सबसे पहले मैट पर पैरों को मोड़कर बैठ जाएं।
ठीक वैसे ही पोजिशन होनी चाहिए, जैसा मल त्याग करते हुए होती है।
ऐसे करते हुए आपके पैर साइड में होने चाहिए।
इस तरह बैठने में समस्‍या होने पर आप तकिए या दीवार का सहारा ले सकती हैं।
इसे बाद दोनों हाथों को आपस में मिलाकर नमस्‍कार मुद्रा बनाएं।
इस पोजिशन में हाथों की कोहनी और घुटने आपस में टच होने चाहिए।
फिर गहरी सांस लें और बाहर छोड़ें।
कुछ देर इस पोजिशन में बैठें।
फिर नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं।
इसे जरूर पढ़ें:हर उम्र की महिलाओं को खूबसूरत बनाते हैं ये योग, रोजाना सिर्फ 10 मिनट करें
मलासन के फायदे
पीसीओएस से जुड़ी परेशानियों को दूर करता है।
यूट्रस हेल्‍थ के लिए अच्‍छा होता है।
नॉर्मल डिलिवरी में मदद मिलती है।
कब्‍ज की समस्‍या दूर होती है।
पैरों में दर्द दूर होता है।
पेट की चर्बी कम होती है।
थाइज की चर्बी से छुटकारा मिलता है।
उत्कट कोणासन
देवी मुद्रा करने के लिए दोनों पैरों में दूरी बनाकर खड़ी हो जाएं।
आपको पैरों के बीच कम से कम 3 फीट की दूरी बनाएं।
दोनों हाथों को आपस में मिलाकर नमस्‍कार मुद्रा बनाएं।
फिर घुटनों को मोड़ते हुए हिप्स को नीचे लेकर जाएं।
चेस्‍ट को आगे की ओर करते हुए कंधे को थोड़ा पीछे रखें।
इस मुद्रा में कुछ देर रहें और नॉर्मल सांस लें।
सांस छोड़ने के बाद पीठ के हिस्से को नीचे की तरफ दबाएं।
फिर आराम से पोज को रिलीज करते हुए नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं।
उत्कट कोणासन के फायदे
हार्ट चक्र को एक्टिव करता है।
फेमिनिन एनर्जी से जुड़ने में मदद करता है।
ओवरी और ब्‍लैडर के लिए फायदेमंद है।
कमर और पेट की चर्बी को कम करता है।
हिप्‍स और पैरों की मसल्‍स को टोन करता है।
तनाव दूर करने में मदद करता है।
पेट के अंगों के लिए फायदेमंद है।
सांसों से जुड़ी समस्‍याओं को दूर करता है।
विपरीत करणी
इसे आप दीवार की मदद से आसानी से कर सकती हैं।
हिप्‍स को दीवार के पास रखकर पीठ के बल लेट जाएं।
अब पैरों को धीरे-धीरे दीवार के सहारे ऊपर (90 डिग्री कोण) उठाएं।
अगर आप पहली बार योगासन कर रही हैं, तो पैरों के नीचे तकिया लगाएं।
अपनी क्षमतानुसार आसन में रुकें।
फिर मुद्रा से बाहर आने के लिए, सबसे पहले घुटनों मोड़ें।
अब खुद को दीवार से दूर करें।
विपरीत करणी के फायदे
शरीर में ब्‍लड सर्कुलेशन में सुधार होता है।
स्‍ट्रेस दूर होता है।
पेट से जुड़ी समस्‍याएं दूर होती हैं।
मेनोपॉज के लक्षणों को दूर करता है।
सिरदर्द और माइग्रेन में फायदेमंद होता है।
नींद में सुधार करता है।
पीरियड्स से जुड़ी परेशानियों का रामबाण है।
पैरों की सूजन को दूर करता है।
Tags:    

Similar News

-->