नवजात शिशु की देखभाल शिशु के जन्म के साथ ही शुरू हो जाती है। नए जन्मे बच्चे को बड़ी नाजुकता के साथ संभालना पड़ता है। बच्चे के जन्म के बाद बच्चे को माँ का दूध सही तरीके से और पर्याप्त मात्रा में कैसे मिले , उसके पहनने के कपडे कैसे हो , उसका बार बार रोना , बार बार नेपी गन्दा करना आदि बातों ध्यान रखना जरुरी होता है। इन बातों का अनुभव नहीं होने पर बहुत परेशानी हो सकती है। जीवन का पहला साल बच्चे के विकास के लिए बेहद अहम होता है। बच्चे अपने आस पास की चीजों को समझना और पहले शब्द बोलना सीखते हैं। इस दौरान माता पिता कई सवालों से गुजरते हैं। यदि आप भी उनमें से हैं, तो इन टिप्स का फायदा उठाएं।
जन्म लेने के बाद उसे माँ के दूध की जरुरत होती है । इसी से उसकी दुनिया से जुड़ाव की पहली शुरुआत होती है। नए जन्म लिए बच्चे को माँ के स्तन से दूध पीना नहीं आता। उसे थोड़ा सिखाना पड़ता है। धीरज रखते हुए प्रयास करने से बच्चा दूध पीना सीख जाता है। माँ को स्तन से निकलने वाला पहला गाढ़ा और पीला दूध शिशु को जरूर पिलाना चाहिए। इस पहले दूध को कोलेस्ट्रम कहते है। इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक शक्ति का जबरदस्त विकास होता है। जिससे बच्चा स्वस्थ रहता है।
शुरुआती 5 महीने तक मां का दूध ही बच्चे के लिए अच्छा होता है। लेकिन जैसे ही बच्चा 5 महीने से ज्यादा का हो जाएं तो उन्हें सॉलिड फूड देना शुरू कर देना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें की बच्चे को कुछ भी ना खिला दें उनको पोषणयुक्त भोजन ही कराएं।
शिशु की त्वचा बहुत ही नाजूक होती है इस बात को तो सभी मानते है पर फिर भी कई बार महिलाएं बच्चे के स्नान के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करने लगती है। शिशु की त्वचा के लिए ज्यादा गर्म पानी का प्रयोग करना काफी हानीकारक होता हैं, इससे उसकी त्वचा ड्राई हो जाती हैं। तो अच्छा होगा की आप जब भी अपने शिशु के लिए पानी गर्म करें तो इस बात का खास ख्याल रखें की वह ज्यादा गर्म ना हो। इतना ही नही जितना हो सके उसे केवल गुनगुने पानी से ही स्नान कराएं।
नया शिशु बहुत नाजुक होता है उसे गोद में सावधानी से उठाना चाहिए। शिशु को उठाते वक्त एक हाथ गर्दन और सिर के नीचे जरूर होना चाहिये। दूसरा हाथ कूल्हों के नीचे रखें। इस तरह उसके पूरे शरीर को सहारा देकर ही उठायें। शिशु की गर्दन बहुत कमजोर होती है , सिर के वजन को नहीं संभाल पाती। अतः विशेष ध्यान रखें। बच्चे को सिर्फ हाथ पकड़ कर नहीं उठाना चाहिए।
तेल मालिश करना भी शिशु की त्वचा के लिए सबसे अच्छा होता है। लेकिन अगर इसे सही से ना किया जाए तो यह हानिकारक भी हो सकता है। तो अच्छा होगा की तेल मालिश करते समय बहुत ही सावधानी बरतें। इतना ही नहीं आप जब भी मालिश के लिए तेल का इस्तेमाल करें तो इस बात का भी ध्यान जरूर रखें की तेल हल्का गुनगुना हो।