जिद्दी बच्चों से न करें बदसलूकी, उन्हें मनाने के लिए लें इन टिप्स की मदद
जिद्दी बच्चों से न करें बदसलूकी,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बच्चों का छोटी-छोटी बातो पर रूठना, नखरे करना, एक आम बात है। लेकिन कई बार ये नखरे या डिमांड करने का रवैया आदत में शामिल हो जाता है और बच्चे ज़िद्दी होने लगते है एक अध्ययन के अनुसार जब बच्चे तीन से बारह साल के बीच होते हैं तब उनके स्वभाव में परिवर्तन होना शुरू होता है। बच्चों के स्वभाव और आदत की रचना उनके आस-पास के वातावरण में घट रही घटनाओं से बनना शुरू होता हैं। इस एज ग्रुप के बच्चों में बहुत गुस्सा और कुछ चीजों को लेकर हद से ज्यादा जिद का विकास होता है। ऐसे ही जिद्दी बच्चों को समझाने के तरीके और टिप्स के बारे में हम आपको इस लेख में बताएंगे। बस आपको यह याद रखना जरूरी है कि हर बच्चा अपने आप में खास होता है। सिर्फ उनकी जिद की वजह से आप उनके साथ बुरा बर्ताव न करें।
हर डिमांड का ना करे पूरा
कई बार हम बच्चे की हर डिमांड को पूरा करने लगते है। बच्चे खाने और खेलने से जुड़ी चीजों की जो भी डिमांड करते है माता पिता उन्हें तुरंत पूरी करते है। जिसके कारण बच्चा डिमांडिंग होने लगता है और अगर उसकी ये डिमांड पूरी नहीं होती है तो वह गुस्सा करता है और उस वस्तु के लिए ज़िद्द करने लगता है। ऐसे में माता पिता को यह समझना होगा की बच्चों की उन्ही डिमांड को पूरा किया जाये जो जरुरी हो। इस से बच्चे के ज़िद्दी स्वभाव में बदलाव आ सकता है।
बच्चों को सिखाएं सब्र करना
बच्चों को उनकी मनचाही चीज न मिलने पर ही वे जिद करते हैं। ऐसे में उनकी इस आदत को बदलने के लिये आप उन्हें सब्र करना सिखायें। बच्चों में धैर्य विकसित करने के लिये आप उनके साथ उनका पसंदीदा गेम्स खेल सकते है। आप अपने बच्चे के साथ ऐसा खेल खेलें जिसमें आप बच्चे बने और वो माता या पिता। ऐसा करने से उसे आपका दृष्टिकोण समझने में मदद मिलेगी।
बच्चे के साथ बनाए अच्छा कनेक्शन
बच्चे को वह कार्य करने के लिए मजबूर न करें जो वह नहीं करना चाहता है। इससे बच्चा आपकी बातों का विद्रोह कर सकता है और वह जो नहीं करना चाहिए उन कार्यों को भी करने की जिद्द कर सकता है। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा टीवी देखने के बजाय अपना होमवर्क करने बैठ जाए तो थोड़ी देर के लिए बच्चे के साथ टीवी देखने का प्रयास करें। इससे आप दोनों के संबंध में मित्रता का भाव आएगा और थोड़ी देर के बाद आप उससे पूछ सकते हैं कि क्या अब वह अपना होमवर्क करेगा और आप उसके पास एक किताब लेकर पढ़ना शुरू करें या
हंस कर दे जवाब
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आपका बच्चा गुस्सा होता है तब वह आपसे यह अपेक्षा करता है कि आप उसकी इस हरकत पर गुस्सा या मायूस होंगे जो आमतौर पर सभी पेरेंट्स करते हैं। पर आप ऐसा कुछ ना करें और माहौल को बदलने के लिये कुछ पल तक शांति बनाएं रखे और हँसे। आपके इस बर्ताव से उसे भी हंसी आएगी और आगे चलकर वो इस तरह का गुस्सा करने से बचेगा।
बच्चे का ध्यान भटकाए
कई बार ऐसी स्थितियां हो सकती हैं जिसमें आप और आपका बच्चा एक दूसरे से सहमत न हों, यदि बाहर जाने के निर्णय से आपकी और आपके बच्चे की इच्छाओं के प्रति तालमेल नहीं बैठता है तो यह बताकर उसका ध्यान भटकाएं कि आप कहाँ जा रहे हैं बजाय इसके कि आप कैसे जा रहे हैं। यदि इसका परिणाम गुस्सा या नाराजगी होती है तो इसमें भी खेल खेलने का प्रयास करें, इसका समय निर्धारित करके या अन्य भाई-बहनों को भी इसमें शामिल करके।
बच्चों से पूछे उनकी राय
आप अपने बच्चे से अपनी परेशानियों के हल मांगे। जैसे कि आप अपने बच्चे से अपने ऑफिस की समस्याओं को सरल बनाकर बच्चे से उसकी राय मांगे। उससे अपनी रोजमर्रा की बातों को शेयर करें। इससे आपके बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह आपके सामने और खुलकर बात करेंगे। बजाय यह बताने के, कि उसे क्या करना है, आप उससे पूछना शुरू करें कि आप कैसे कुछ नया और अलग कर सकते हैं? ऐसा करने से उसे अपनी अहमियत महसूस करने में मदद मिलेगी।