प्रेगनेंसी की दूसरे महीने में ना करे ये गलतियां बन सकती हैं प्रीमैच्योर डिलीवरी की कारण
एक खूबसूरत अहसास है. लेकिन इसके नौ महीने बहुत नाजुक होते है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| एक खूबसूरत अहसास है. लेकिन इसके नौ महीने बहुत नाजुक होते है. इन नौ महीनों को तीन तिमाही में बांटा गया है. हर तिमाही में महिला के सामने अलग अलग परेशानियां आती हैं. आमतौर पर दूसरी तिमाही (Second Trimester) को सबसे सुरक्षित माना जाता है. इस कारण कई बार महिलाएं इसमें खुद को लेकर लापरवाह भी हो जाती हैं. ऐसे में वजन उठाने या फिर बार-बार झुकने का काम करने लगती हैं. दूसरी तिमाही में की गईं ये गलतियां आपके लिए बड़ी परेशानी पैदा कर सकती हैं. इसके कारण प्रीमैच्योर डिलीवरी (Pre-mature Delivery) या मिसकैरेज की नौबत भी आ सकती है. यहां जानिए कुछ ऐसी बातें जिनको दूसरी तिमाही में ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
दूसरी तिमाही में ध्यान रखें ये बातें
1. वैसे तो पूरी प्रेगनेंसी के दौरान ही बहुत सावधान रहना चाहिए और भारी सामान उठाने और बार बार झुकने से बचना चाहिए. लेकिन अगर आपका छठवां महीना चल रहा है, तो आप इस मामले में खासतौर पर अलर्ट रहें क्योंकि इससे आपका संतुलन बिगड़ सकता है और आप गिर सकती हैं. ऐसे में कॉम्प्लीकेशंस पैदा हो सकते हैं. साथ ही मिसकैरेज की कंडीशन भी पैदा हो सकती है. इसके अलावा बार-बार बेबी बंप के साथ झुकने से पेट पर दबाव पड़ता है. इसके कारण एसिड रिफ्लेक्स की समस्या शुरू हो सकती है.
2. ज्यादातर महिलाएं किचन में घंटों खड़े रहकर काम करती हैं. लेकिन अगर आपका छठवां महीना पूरा होने वाला है और आप सातवें महीने में प्रवेश करने वाली हैं तो लगातार खड़े होने से बचें. इससे आपके लिए कई सारी परेशानियां पैदा हो सकती हैं. इस दौरान आपको बहुत ज्यादा काम करने से बचना चाहिए. लगातार खड़े होकर तो काम बिल्कुल न करें. इससे आपके पैरों में भी सूजन आएगी. बीच बीच में आराम कर लें.
3. प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में खाने पीने का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है. इसलिए अपनी डाइट को लेकर जरा भी लापरवाही न बरतें. आपके खानपान का असर आपके बच्चे पर भी असर डालता है. डाइट में लापरवाही से आपके बच्चे के विकास पर असर पड़ता है, साथ ही आपके लिए भी कई तरह की परेशानियां पैदा होती हैं. इसलिए ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त डाइट लें. डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, पनीर लें. साबुत अनाज, हरी सब्जी, फल आदि को डाइट में शामिल करें. नियमित तौर पर रोजाना टहलें.