1. प्रोसेस्ड मीट (Processed meat)
लंबे समय तक संरक्षित रखने वाले हर फूड को सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता, क्योंकि उनमें कुछ ऐसे तत्व मिलाए जाते हैं, जिससे उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है।
शेल्फ लाइफ बढ़ाने वाले ये केमिकल शरीर पर बुरा प्रभाव डालते हैं और फूड को भी अनहेल्दी बना देते हैं। ऐसे में हेल्दी मीट अनहेल्दी हो जाता है, जो कि वजन बढ़ाने का भी काम कर सकता है।
2016 में अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ (American Journal of Public Health) में पब्लिश हुए रिव्यू के मुताबिक, प्रोसेस्ड मीट के सेवन से पिछले 4 सालों में अधिक वजन बढ़ा है। वहीं जिन लोगों ने अनप्रोसेस्ड मीट का सेवन किया उनका वजन नहीं बढ़ा।
इसलिए प्रोसेस्ड मीट का सेवन वेट लॉस जर्नी के दौरान ही नहीं, कभी भी करने से बचना चाहिए।
2. सैचुरेटेड फैट / संतृप्त वसा (Saturated fat)
मीट और फुल फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट में काफी अधिक मात्रा में सैचुरेटेड फैट / संतृप्त वसा पाया जाता है, जिनका अधिक सेवन करने से वजन कम होने की जगह वजन बढ़ भी सकता है।
वहीं अगर सैचुरेटेड फैट की बात करें तो यह हार्ट प्रॉब्लम (Heart problem) के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है। इसलिए टोटल कैलोरी का 10 % से भी कम सैचुरेटेड फैट का सेवन करना चाहिए। वहीं अगर हार्ट प्रॉब्लम के रिस्क (Heart problem risk) से भी बचना चाहते हैं, तो इसका सेवन 7 % से भी कम करें।
इसलिए संभव हो तो लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करें और लीन प्रोटीन (Lean protein) वाले मीट का सेवन करें। जैसे, एग, मछली, व्हाइट फिश आदि।
3. पास्ता डिशेज (Pasta dishes)
सफेद आटे से बना पास्ता मैदा से बनाया जाता है। आप तो जानते ही होंगे कि मैदा अच्छे से डाइजेस्ट नहीं होता, क्योंकि इसे गेहूं से बनाते समय छिलका निकाल दिया जाता है, जिससे डाइट्री फाइबर नहीं रह जाता।
सही से डाइजेस्ट नहीं होने के कारण यह आंत में चिपक जाता है। मैदा काफी मात्रा में तेल सोखता है, जो कि कैलोरी की मात्रा भी बढ़ा देता है और बीमारियों का कारण बनने के साथ मोटापा भी बढ़ा सकता है।
इसलिए मैदा से बनी पास्ता जैसी डिशेज से दूर रहें। इसकी जगह गेहूं से बने पास्ता का अपने ट्रेनर की सलाह के मुताबिक सेवन कर सकते हैं।
4. आर्टिफिशिअल मिठास (Artificial sweeteners)
आर्टिफिशिअल मिठास का सेवन उस जगह किया जाता है जहां कैलोरी को सेव किया जाता है। यानी कि अगर 1 पैकेट कोल्ड ड्रिंक को मीठा करने में काफी चीनी की आवश्यकता होती है, जिसमें कैलोरी अधिक होगी। उसकी जगह आर्टिफिशिअल मिठास डाली जाती है, जिससे कम कैलोरी शरीर में जाए।
लेकिन, 2017 में करंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी रिपोर्ट्स (Current Gastroenterology Reports) में पब्लिश हुई एक स्टडी से पता चलता है, कि आर्टिफिशिअल मिठास वास्तव में मोटापे (Obesity) और मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic syndrome) को बढ़ाने में योगदान देते हैं। ये आर्टिफिशिअल मिठास शरीर पेट भरा होने की भावना को कम देते हैं, जिससे अधिक कैलोरी का सेवन करते हैं और वजन कम होने की जगह बढ़ने लगता है।
5. रेडी-मेड भोजन (Ready-made meals)
बाजार में मिलने वाले रेडी-मेड भोजन खाने को सीधा खाया जा सकता है, उन्हें तैयार करने की मेहनत बच जाती है। लेकिन सेहत की दृष्टि से वे अच्छे नहीं माने जाते है। 2015 में ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन (British Journal of Nutrition) में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, रेडी-मेड भोजन खाने से पेट का मोटापा (Abdominal obesity) बढ़ता है।