हेल्थ टिप्स Health Tips: सिकल सेल एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर होता है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है। ऐसे में शरीर में आरबीसी की कमी देखने को मिलती है और शरीर के अंगों को ठीक से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है। ऐसे में अगर समय रहते इस बीमारी के लक्षणों को पहचानकर इसका इलाज न कराया जाए, तो यह बीमारी घातक हो सकती है। इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस बीमारी के लक्षण, बचाव और उपचार के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
सिकल सेल बीमारी
रेड ब्लड सेल को प्रभावित करने वाली सिकल सेल बीमारी जेनेटिक कारणों से देखने को मिलती है। इस बीमारी के होने पर Red Blood Cells की शेप बिगड़ जाती है और शरीर को भी पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। क्योंकि इस बीमारी में हीमोग्लोबिन में असामान्य चेन बन जाती है। जिसके कारण सिकल सेल थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियां आपको अपनी चपेट में ले लेती हैं। इसलिए जरूरी है कि इस बीमारी का समय पर इलाज कराया जाए।
लक्षण
एनीमिया के कारण पीलापन
इन्फेक्शन की चपेट में आना
हड्डियों-मांसपेशियों का दर्द
बच्चों के विकास में बाधा
हाथ-पैरों में सूजन
थकान और कमजोरी
किडनी की समस्याएं
आंखों से जुड़ी दिक्कतें
बचाव
इस बीमारी के खुद का बचाव करने के लिए इसके कारणों को समझना बेहद जरूरी होता है। अधिकतर केसों में यह बीमारी अनुवांशिक कारणों के चलते होती है। अगर माता या पिता में से कोई एक या दोनों इस बीमारी की चपेट में हैं, तो बहुत हद तक इस बीमारी के बच्चे में ट्रांसफर होने का रिस्क रहता है।के जोन के एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होने की आशंका रहती है। सिकल सेल बीमारी के एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होने की बड़ी आशंका होती है। इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि आप शादी से पहले अनुवांशिक परामर्श जरूर लें। वहीं इसके लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए और लक्षण दिखने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करें Sickle Cell Disease
इलाज
आमतौर पर इस बीमारी से पीड़ित लोगों को डॉक्टर ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सलाह देते हैं। बता दें कि जब शरीर के हर हिस्से को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, तो इससे उठने वाले भयंकर दर्द को दूर करने के लिए हाइड्रोक्सी यूरिया का सहारा लिया जाता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले समय में जीन थेरेपी से इस डिजीज का इलाज करने में काफी सहायता मिल सकती है, जिससे गंभीर लक्षण वाले मरीजों को काफी फायदा मिल सकेगा।