डेंगू गर्भवती महिला से बच्चे तक पहुंच सकती है, जानिए डेंगू से जुड़ी जरूरी बातें

डेंगू एक ऐसी समस्या है जो जानलेवा साबित हो सकती है. बड़ों के मुकाबले ये बच्चों में इसकी तीव्रता अधिक होती है. वहीं ये समस्या गर्भवती महिला से उसके बच्चे तक पहुंच सकती है. जानिए डेंगू से जुड़ी तमाम जरूरी बातें.

Update: 2021-09-25 07:12 GMT

जानत से रिश्ता वेबडेस्क। इन दिनों डेंगू के काफी मामले सामने आ रहे हैं. बच्चों से लेकर बड़े और बूढ़े तक सभी बीमार हो रहे हैं. डेंगू मच्छरों से फैलने वाली समस्या है. हर साल इसका प्रकोप सितंबर से नवंबर के बीच देखने को मिलता है. डेंगू की गंभीर स्थिति जानलेवा होती है. चौंकाने वाली बात ये है कि बड़ों के मुकाबले बच्चों में इसकी तीव्रता बड़ों के मुकाबले बच्चों में कही अधिक होती है.

ऐसे में वयस्कों के साथ साथ बच्चों को इस समस्या से खासतौर पर बचाने की जरूरत है. वहीं गर्भवती महिलाओं और बच्चों को फीड कराने वाली महिलाओं को डेंगू से खासतौर पर बचाव करना चाहिए क्योंकि अगर बच्चे को जन्म देते समय मां डेंगू से पीड़ित है, तो बच्चा भी संक्रमित हो सकता है. वहीं संक्रमित मां का दूध पीने से भी बच्चा डेंगू का शिकार बन सकता है. जानिए इस खतरनाक समस्या से जुड़ी खास बातें.
दिन में काटता है डेंगू मच्छर
डेंगू एक तरह का वायरस है जो एडीज मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है. ये मच्छर ज्यादातर दिन में काटता है. ज्यादातर ये मच्छर इकट्ठे या ठहरे हुए पानी में अंडे देता है, इसलिए अपने घर में नालियों, कूलर, पुराने टायर, टूटे डिब्बों आदि कहीं पर भी पानी इकट्ठा न होने दें. इसके अलावा साफ पानी को भी ढंक कर रखें.
इन लक्षणों से करें पहचान
डेंगू के शुरुआती लक्षण वायरल जैसे होते हैं और मच्छर के काटने के करीब दो से तीन दिन बाद दिखाई देते हैं. ऐसे में लक्षणों को नजरअंदाज करने की गलती न करें क्योंकि यदि ये समस्या गंभीर हो गई तो जानलेवा साबित हो सकती है. जानिए इसके लक्षण…
– तेज बुखार
– खांसी
– सांस लेने में तकलीफ होना
– मुंह, होंठ और जीभ का सूखना
– वॉमिटिंग के कारण शरीर में पानी की कमी होना
– सुस्ती, कमजोरी और चिड़चिड़ापन
– हाथ-पैर का ठंडा होना
– बच्चे का सामान्य से अधिक रोना
तेजी से घटती हैं प्लेटलेट्स
शरीर में खून को रोके रखने के लिए प्लेटलेट्स की जरूरत होती है. लेकिन डेंगू अगर गंभीर स्थिति में पहुंच जाए तो प्लेटलेट्स तेजी से घटना शुरू हो जाती है. एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डेढ़ लाख से लेकर चार लाख तक प्लेटलेट्स होती हैं. अगर ये 20 हजार के आसपास पहुंच जाती है तो ब्लीडिंग होना शुरू हो जाती है. साथ ही प्लेटलेट्स भी चढ़ानी पड़ सकती है. डेंगू अगर खतरनाक हो जाए तो मल्टी ऑर्गन फेलियर का जोखिम भी बढ़ जाता है.
कैसे करें बचाव
– खिड़कियों और दरवाजों को नेट से कवर कराएं ताकि घर में मच्छर प्रवेश न कर पाएं.
– मच्छरों से बचने के लिए सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
– शरीर के बचाव के लिए फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें.
– घर के अंदर और आसपास साफ सफाई का खयाल रखें, पानी इकट्ठा न होने दें.
– बीमार पड़ने पर विशेषज्ञ को दिखाएं और सलाह से ही कोई दवा लें.


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