Coronavirus: डेल्टा वेरिएन्ट के तेजी से फैलने की वजह क्या है?जाने रिसर्च का क्या है कहना

कोरोना वायरस का ज्यादा संक्रामक वेरिएन्ट डेल्टा ज्यादातर देशों में तेजी से फैल रहा, मगर इसका क्या कारण है? वैज्ञानिकों ने इसे समझने के लिए दिल्ली के तीन अस्पतालों में रिसर्च किया.

Update: 2021-09-07 12:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Coronavirus: कोरोना वायरस अपना रूप यानी वेरिएंट इतनी बार बदल चुका है कि वैज्ञानिकों को हर एक का नामकरण तक करना पड़ा. ऐसा ही एक खतरनाक वेरिएंट है डेल्टा और उसका नया रूप डेल्टा प्लस, जो पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के पीछे चिंता क कारण बन गया है. कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएन्ट को तेजी से फैलने की संभावित वजह को जानने के लिए एक रिसर्च किया गया. उससे पता चला कि इस खास वेरिएन्ट में संक्रमित करने की बहुत ज्यादा, और वैक्सीन या पूर्व के संक्रमण से बनी इम्यून रिस्पॉन्स को चकमा देने की क्षमता है

डेल्टा वेरिएन्ट के तेज प्रसार की व्याख्या आई सामने
शोधकर्ताओं का कहना है कि डेल्टा का फैलाव संभावित तौर पर वायरस को नकारा बनानेवाली एंटीबॉडीज पर हमले की क्षमता और ज्यादा संक्रामक होने की वजह से होता है. नेचर पत्रिका में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, डेल्टा वेरिएन्ट अपनी नकल बनाने और वायरस के दूसरे वेरिएन्ट्स की तुलना में फैलाव की ज्यादा क्षमता रखता है. भारतीय शोधकर्ताओं और दूसरे देशों की टीम ने पाया कि डेल्टा वेरिएन्ट एस्ट्राजेनेका या फाइजर की वैक्सीन से प्राप्त इम्यूनिट रिस्पॉन्स को मूल वायरस के मुकाबले आठ गुना ज्यादा चकमा देने की क्षमता रखता है. उसके अलावा, डेल्टा वेरिएन्ट कोरोना से उबर चुके लोगों को छह गुना ज्यादा दोबारा संक्रमित भी कर सकता है.
इम्यूनिटी को चकमा देने की 8 गुना ज्यादा संभावना
शोधकर्ताओं ने डेल्टा वेरिएन्ट में 'अधिक नकल की क्षमता' भी पाया, जो उसे संक्रमित करने की बेहतर क्षमता प्रदान करता है. रिसर्च से खुलासा हुआ कि पूर्व का संक्रमण या टीकाकरण से प्राप्त एंटीबॉडीज का फायदा डेल्टा वेरिएन्ट के खिलाफ कम हो जाता है. यही कारण है कि 90 से ज्यादा देशों में डेल्टा वेरिएन्ट के तेज प्रसार का मामला सामने आया. शोधकर्ताओं ने दिल्ली के तीन अस्पतालों में करीब 9,000 हेल्थ केयर वर्कर्स के बीच ब्रेकथ्रू संक्रमण को भी रिसर्च का हिस्सा बनाया जबकि इन हेल्थ केयर वर्कर्स का टीकाकरण पूरा हो चुका था. नतीजे से पता चला कि इन अस्पतालों के कुल 218 हेल्थ केयर वर्कर्स में कोविशील्ड की वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद भी सिम्पटोमैटिक संक्रमण थे. गौरतलब है कि कोरोना के डेल्टा वेरिएन्ट को वेरिएन्ट ऑफ कंसर्न के तौर पर परिभाषित किया गया है.


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