इन नेचुरल उपाय से करे diabetes कंट्रोल

Update: 2024-08-13 11:27 GMT
हेल्थ टिप्स Health Tips: डायबिटीज रोग एक तरह का मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या उसे इसका ठीक से उपयोग करने में दिक्कत होती है। नतीजतन शरीर में इंसुलिन की कमी से शुगर का स्तर बढ़ने लगता है जो धीरे-धीरे व्यक्ति की किडनी, स्किन, हृदय, आंखों और पूरी सेहत को प्रभावित करता है। डायबिटीज को कंट्रोल रखने में डाइट अहम रोल अदा करती है। डायबिटीज को कंट्रोल
करने
के लिए डाइट और लाइफस्टाइल दोनों में बदलाव बेहद जरूरी होते हैं। अगर आप भी शुगर पेंशट हैं तो ये नेचुरल उपाय जमाकर Diabetes को कंट्रोल में रख सकते हैं।
स्ट्रेस से रहें दूर-
ज्यादातर कम लोगों को इस बात का पता होता है कि स्ट्रेस का सीधा असर आपके शुगर लेवल पर पड़ता है। दरअसल, ग्लूकागन और कोर्टिसोल नाम के 2 ऐसे हार्मोन हैं, जो व्यक्ति को तनाव महसूस होने पर शरीर में बनने लगते हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। ऐसे में नियमित एक्सरसाइज, मेडिटेशन और रेस्ट करने से तनाव के स्तर को कम करके ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल में रखा जा सकता है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं-
दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, पानी की मदद से किडनी मूत्र के माध्यम से शरीर से अतिरिक्त शुगर निकालती है। एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग अधिक पानी पीते हैं उनमें हाइपरग्लेसेमिया विकसित होने की संभावना कम होती है।
आंवला-
आंवला उच्च रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसमें क्रोमियम नाम का एक प्रकार का खनिज मौजूद होता है, जो कार्बोहाइड्रेट को नियंत्रित करता है और आपके शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील बनाने में मदद करता है।
एक्सरसाइज-
डायबिटीज को कंट्रोल रखने के लिए अपने रूटिन में एक्सरसाइज को जरूर शामिल करें। शोध के मुताबिक, एक्सरसाइज इंसुलिन असंवेदनशीलता का प्रभावी ढंग से इलाज और रोकथाम कर सकती है। इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार से खून में ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है। साथ ही कोशिकाएं चीनी का बेहतर उपयोग करने में सक्षम हो जाती हैं।
पर्याप्त और अच्छी नींद-
बिजी लाइफस्टाइल की वजह से कई बार बिगड़ी हुई स्लीप साइकिल भी High Blood Sugar का कारण बन सकती है। दरअसल, अच्छी नींद न ले पाने की वजह से शरीर में कोर्टिसोल का स्तर भी बढ़ाने लगता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने के साथ टाइप-2 डायबिटीज और हृदय रोगों का जोखिम भी बढ़ सकता है।
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