सावधान: इन हल्के लक्षणों को भी न करें नजरअंदाज,ये हो सकते है गंभीर बीमारी के संकेत

डॉक्टरों के अनुसार स्नायविक विकार के कारण हमारे शरीर में एक साथ कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

Update: 2022-03-05 01:38 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वह एक जगह बैठकर घंटों काम करता है। इससे गर्दन और पीठ में भी दर्द बना रहता है। अक्सर यह समस्या हड्डियों से संबंधित बीमारी का संकेत होती है, लेकिन इसके साथ ही अगर आपको लगातार सिरदर्द की शिकायत रहती है और शरीर के अंगों में कुछ बदलाव महसूस हो रहे हैं तो यह स्नायविक विकार की शुरुआत हो सकती है।

इसलिए अगर ऐसा कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि न्यूरो से जुड़ी किसी भी बीमारी के लिए तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
डॉक्टरों के अनुसार स्नायविक विकार के कारण हमारे शरीर में एक साथ कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। फोर्टिस अस्पताल के न्यूरो डिपार्टमेंट के डॉक्टर प्रवीण कुमार के मुताबिक यह एक ऐसी समस्या है जो हमारे नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है। न्यूरोलॉजिकल समस्याएं आमतौर पर कुछ वायरल या संक्रमण के कारण होती हैं। अगर न्यूरो से जुड़ी कोई समस्या है तो लोगों को कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इनमें शरीर के किसी भी हिस्से में लकवा के साथ-साथ ब्रेन स्ट्रोक और हमारी याददाश्त भी प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा डिमेंशिया, मिर्गी, ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारियां भी होती हैं।
इन हल्के लक्षणों को भी न करें नजरअंदाज
डॉक्टर के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाए या उसके चेहरे के रंग-रूप में थोड़ा सा भी बदलाव दिखे तो यह भी एक न्यूरो प्रॉब्लम का लक्षण है। अगर समय पर इनका इलाज नहीं किया गया तो खतरा काफी बढ़ जाता है। ब्रेन स्ट्रोक भी इसी समस्या से आता है। स्ट्रोक के कई मामलों में देखा जाता है कि मरीज देर से अस्पताल पहुंचता है. इसका कारण यह है कि लोग स्नायविक विकारों के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान नहीं देते हैं। आमतौर पर लोग कोई भी बीमारी होने पर दवा लेते हैं, लेकिन न्यूरो प्रॉब्लम के लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाना जरूरी होता है।
जीवन शैली बनाए रखें
डॉक्टर का कहना है कि ज्यादातर बीमारियों की जड़ हमारी खराब लाइफस्टाइल है। इससे हमारा शरीर बीमार होने लगता है, जिसका असर धीरे-धीरे दिमाग पर भी पड़ने लगता है। स्नायविक समस्याओं से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि हम स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। साथ ही अगर आप कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं तो बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें और नियमित व्यायाम भी करें।


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