आपके खून को बना सकता है 'जहरीला', ये 5 सफेद चीजें दूरी बना कर रहें नहीं तो आप भी हो जाएंगे बीमारी के शिकार

खून का संक्रमण या ब्लड पॉइजनिंग (Blood Poisoning) तब होता है

Update: 2022-06-06 04:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डेस्क: खून का संक्रमण या ब्लड पॉइजनिंग (Blood Poisoning) तब होता है जब बैक्टीरिया खानपान के जरिए खून में प्रवेश कर जाता है। ब्लड पॉइजिनक को मेडिकल भाषा में सेप्टीसीमिया (septicemia) कहा जाता है। इसका मतलब ये होता है कि बैक्टीरिया के खून में पहुंचने से वो प्योर नहीं रह जाता है। जिसकी वजह से कई बीमारी हो सकती है। सेप्टीसीमिया जिसे सेप्सिस (sepsis) भी कहा जाता है इसके होने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का कार्यस्तर कम हो जाता है। रिएक्शन होने पर सूजन हो जाती है और रक्त के थक्के जम जाते हैं। जिसकी वजह से गंभीर बीमारी हो सकती है। चलिए बाते हैं उन 5 फूड के बारे में जिसकी वजह से खून 'जहरीला' हो सकता है..

मक्खन में वसा और सोडियम की मात्रा अधिक होती है। इसके ज्यादा सेवन करने से खून और दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। मोटापा को भी बढ़ाता है। इसलिए दूध से बने बटर का इस्तेमाल कम करना चाहिए।
डॉक्टर भी कहते हैं कि डाइट में चीनी और नमक का सेवन कम करना चाहिए। सीडीसी के मुताबिक चीनी की अधिक सेवन से ब्लड शुगर का खतरा बढ़ सता है। जिससे कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती है। इतना ही नहीं रक्त की आपूर्ति करने वाली वाहिकाओं को इससे नुकसान पहुंचता है। जिसकी वजह से गुर्दे की बीमारी, स्ट्रोक, दिल की बीमारी और देखने में समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए चीनी की जगह गुड़ या फिर शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इनकी भी मात्रा कम होनी चाहिए।
डेयरी उत्पादों जैसे की चीज, दूध आदी में भी फैट की मात्रा अधिक होती है। एनसीबीआई पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक फैट की मात्रा ज्यादा होने की वजह से हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम ज्यादा होता है। साथ ही यह खून को भी इफेक्ट करता है।
नमक का ज्यादा सेवन कर ने से खून संबंधित बीमारियां जकड़ सकती है। नमक शरीर में पानी बढ़ाने का काम करती है जिससे खून की नसों पर दबाव बनता है। ब्लड प्रेश और किडनी संबंधित बीमारी का खतरा बढ़ता है। इसलिए नमक का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। सफेद नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिए।
मैदा भी ब्लड शुगर को बढ़ता है। यह खून में ग्लूकोज बढ़ाता है जिससे केमिकल रिएक्शन होता है। इसकी वजह से खून के संक्रमण होने के चांस बढ़ जाते हैं। इसलिए मैदा का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।बता दें कि सेप्सिस (Sepsis) एक गंभीर बीमारी है। इसके लक्षण होते हैं- बुखार , ठंड लगना,तेजी से सांस लेना,धड़कन का तेज हो जाना,चक्कर आना,भ्रम और आत्मविस्मृति और उल्टी या मिताली जैसा महसूस करना। अगर ये सब आपको महसूस होता है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


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