इन संकेतो को जान आप भी टूटने से बचा सकतें है आपके अनमोल रिश्तों को
अनमोल रिश्तों को
आजकल शादी के 2-3 साल के भीतर ही तलाक होने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। व्यवहार विशेषज्ञों, मनोवैज्ञानिकों और समाजशास्त्रियों की मानें तो सगाई से शादी के बीच के 2-3 महीनों और विवाह के शुरुआती 3 महीनों में भावी दंपती या विवाहित जोड़े की कंपैटिबिलिटी का पता चल जाता है। रिलेशनशिप में प्रेम जब कम होने लगती है तब पति-पत्नी के जीवन में ऐसी छोटीछोटी बातें होने लगती हैं, जो इस बात की ओर संकेत करती हैं कि उन के बीच दूरियां बननी शुरू हो रही हैं। अधिकतर दंपती इन संकेतों पर ध्यान नहीं देते या फिर वे समझ नहीं पाते हैं। समय रहते इन संकेतों पर ध्यान न दिया जाए तो उन के बीच प्यार, अपनापन, समर्पण की भावना कम होती जाती है और फिर एक दिन उनकी रिलेशनशिप टूट जाती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन संकेतो के बारे में जिन्हें जानकर आप अपने रिश्तों को बचा सकते हैं।
छोटी-छोटी बातों में मतभेद :
हर बात पर पति-पत्नी के विचार एक हों, यह जरूरी नहीं है। दोनों में थोड़ाबहुत वैचारिक मतभेद होना स्वाभाविक है। यदि बातबात पर या हर छोटीछोटी बातों पर दोनों में मतभेद हो और यह मतभेद झगड़े में तबदील होने लगे, दोनों एकदूसरे की कमियां निकालने लगें तो समझना चाहिए कि दोनों के बीच खाई गहरी होनी शुरू हो चुकी है। दोनों को संभलने की जरूरत है।
व्यक्तित्व को कम कर के आंकना :
मानना है कि जब भावी पति या पत्नी एकदूसरे के व्यक्तित्व को कम कर के आंकते हैं, उन के पेशे या व्यवसाय को घटिया या दोयम दर्जे का समझते हैं या फिर किसी दूसरे को उस के बारे में बताने में संकोच महसूस करते हैं, तो ये लक्षण रिश्ते के लिए अच्छे नहीं माने जाते।
एकदूसरे को स्पेस न देना :
जब पति-पत्नी एकदूसरे के मिनटमिनट का हिसाब चाहने लगें, दिन भर खुद से ही बातें और खुद पर ही ध्यानाकर्षण की चाह करने लगें और ऐसा न हो पाने पर ताने कसें, उलाहने दें, झगड़ा करने लगें, तो समझ जाना चाहिए कि इस संबंध का लंबा खिंचना मुश्किल है।
झूठ बोलने लगें :
पति-पत्नी का आपसी प्यार विश्वास की नींव पर टिका होता है। यदि दोनों के बीच झूठ, बेईमानी, छल, कपट का बोलबाला होने लगे तो समझना चाहिए एकदूसरे के प्रति समर्पण की भावना खत्म हो चुकी है। उन की जोड़ी कभी भी टूट सकती है। विवाह को बनाए रखने के लिए दोनों के बीच भरोसा और विश्वास होना जरूरी है।
सेक्स हैरेसमेंट :
सुखी दांपत्य जीवन के लिए सेक्स सब से खास जरूरत है। एकदूसरे के बीच समर्पित सेक्स प्यार, अपनापन और खुशियों की बहार लाता है। पति द्वारा सेक्स के लिए जबरदस्ती करना, पत्नी की इच्छा के विरुद्ध सेक्स संबंध बनाना या सेक्स प्रताड़ना देना, वहीं पत्नी द्वारा सेक्स के लिए इनकार करना या सेक्स में सहयोग न देना जैसी बातें सेक्स हैरेसमेंट में आती हैं। ऐसी स्थिति में दोनों को जल्दी संभलने की जरूरत है। दोनों तुरंत विवाह सलाहकार से मिलें ताकि जीवन में दोबारा खुशियों की बहार आ सके।