Life Style : बचपन में किसी प्रकार का हादसा या अब्यूज Abuse का शिकार होने पर इसका नकारात्मक असर जिंदगी भर साथ रह जाता है। यह जीवन के सबसे कड़वे अनुभवों में से एक होता है, जब किसी बच्चे को बचपन में किसी प्रकार के ट्रॉमा से गुजरना पड़ता है, लेकिन यही बच्चे जब बड़े हो कर माता-पिता बनते हैं, तब इनके लिए परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। चाइल्डहुड ट्रॉमा का असर इनके व्यवहार में नजर आने लगता है और अपने बच्चे के प्रति वह ऐसा व्यवहार रखते हैं, जिससे इनके बच्चे का बचपन भी प्रभावित हो सकता है।
चाइल्डहुड ट्रॉमा Childhood Trauma आपके अंदर ऐसी भावना पैदा करता है, जिससे आप खुद के अंदर कमी ही कमी देखते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने ट्रिगर को पहचानें। उन सभी बातों पर गौर करें, जिनसे आपको अपना चाइल्डहुड ट्रॉमा याद आता है। ऐसे में चाइल्डहुड ट्रॉमा के कुछ संकेतों की अपने अंदर पहचान कर आप भी अलर्ट हो सकते हैं और अपनी पेरेंटिंग में जरूरी बदलाव ला सकते हैं, जिससे आप अपने बच्चों को किसी भी प्रकार के चाइल्डहुड ट्रॉमा से बचा कर उनके बचपन को सुंदर बना सकें
ऐसे में करें अपने अंदर चाइल्डहुड ट्रॉमा की पहचान
अपने बच्चे से भावनात्मक emotional रूप से कनेक्ट करने में आपको दिक्कत होती है।
आप स्ट्रिक्ट, रिजीड या कंट्रोल Control करने वाली पेरेंटिंग करते हैं, जिसमें आप बच्चे के सुबह उठने से लेकर उसके रात के सोने तक उसके संपूर्ण जीवन पर अपना कंट्रोल बना कर रखते हैं और सब कुछ आपके कहे अनुसार ही होता है।
आप परफेक्शन Perfection की तलाश में थोड़ी सी कमी पर भी अपसेट हो जाते हैं। बच्चे को प्रयास करने की मोटिवेशन देने की जगह आप उसे परफेक्शन न मिल पाने पर कोसते हैं।
आप किसी के ऊपर भी पूर्ण विश्वास Absolute confidence नहीं कर पाते हैं, जिसके कारण आप अपने बच्चे पर भी आसानी से सवाल उठा देते हैं, जिससे बच्चा भावनात्मक emotional रूप से बहुत कमजोर होता है।
आप बच्चे का हर क्षेत्र में अति बचाव करते हैं, जिसके कारण बच्चा अपने से निर्णय लेने में असक्षम होते जाता है और किसी भी नई चीज को ट्राई करने का रिस्क कभी नहीं उठा पाता।