संक्रमितों की संख्या घटाने में कारगर बूस्टर डोज, जाने
कोरोना के खिलाफ जंग में ‘बूस्टर डोज’ खासी कारगर साबित हो सकती है। इजरायल में इसकी मदद से न सिर्फ सार्स-कोव-2 वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी लाना मुमकिन हुआ, बल्कि मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की दर भी घट गई।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना के खिलाफ जंग में 'बूस्टर डोज' खासी कारगर साबित हो सकती है। इजरायल में इसकी मदद से न सिर्फ सार्स-कोव-2 वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी लाना मुमकिन हुआ, बल्कि मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की दर भी घट गई।कोरोना के खिलाफ जंग में 'बूस्टर डोज' खासी कारगर साबित हो सकती है। इजरायल में इसकी मदद से न सिर्फ सार्स-कोव-2 वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी लाना मुमकिन हुआ, बल्कि मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की दर भी घट गई।
दरअसल, गर्मियों में कोविड टीके की पहली दो खुराक से पैदा प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर पड़ने पर इजरायल में लोगों को बूस्टर डोज देने की शुरुआत हुई थी। देश की लगभग आधी आबादी को तीसरी खुराक लगाई जा चुकी है। इसका फायदा यह हुआ है कि अक्तूबर में इजरायल में कोरोना की जद में आने वाले मरीजों की संख्या सितंबर के मुकाबले पांच गुना घट गई। वहीं, संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती होने वालों की तादाद आधी रह गई।
इजरायल में बूस्टर डोज से मिले सकारात्मक नतीजों को देखते हुए ब्रिटेन में भी लाभार्थियों को तीसरी खुराक लगाने की कवायद तेज कर दी गई है। ब्रिटिश सरकार ने पहले चरण में 50 पार लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को बूस्टर डोज देने का फैसला किया है। दूसरी और तीसरी खुराक के बीच कम से कम छह माह के अंतर का नियम तय किया गया है। हालांकि, पात्र लाभार्थियों की संख्या कम होने के मद्देनजर सरकार अब इस अंतर को घटाकर पांच महीना करने पर विचार कर रही है।